रायपुर। नया रायपुर के सबसे बड़े व अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल बालको मेडिकल सेंटर ने राज्य में पहली बार चिकित्सीय प्लाज़्मा एक्सचेंज किया है.73 वर्ष के बुुजुर्ग की उम्रगत समस्याओं के बावजूद सेंटर के एक्सपर्ट डॉक्टर्स ने इसे बिना किसी जटिलता के सफलतापूर्वक संपन्न किया.

बालको मेडिकल सेंटर में 73 वर्ष के एक सज्जन में एक दुर्लभ रक्त कैंसर – वाल्डेनस्टॉर्म मैक्रोग्लोबुलिनमिया -का पता चला. बुजुर्ग बहुत उच्च इम्युनोग्लोबुलिन स्तर के साथ सिरदर्द, उच्च रक्तचाप के लक्षणों के साथ आया था, जिसमें स्ट्रोक और अन्य जटिलताओं का बहुत अधिक जोखिम होता है. इन लक्षणों को कम करने के लिए प्लाज्मा को चिकित्सीय प्लाज़्मा एक्सचेंज (टीपीई) नामक एक प्रक्रिया द्वारा बदलना आवश्यक था.

बालको मेडिकल सेंटर में हेमटोलॉजिस्ट डॉ. दिब्येंदु डे और ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. नीलेश जैन के  अनुसार, एक बुजुर्ग मरीज में, जिनकी नसें नाज़ुक हो, उनमें ऐसी प्रक्रियाएँ करने में बहुत जोखिम होता है. लेकिन बालको मेडिकल सेंटर की विशेषज्ञ टीम द्वारा बिना किसी जटिलता के इसे सफलतापूर्वक किया गया.

डॉ. नीलेश जैन ने बताया कि चिकित्सीय प्लाज़्मा एक्सचेंज एक उपचार है, जो रक्त से प्लाज़्मा को निकालता है. प्लाज़्मा निष्कासन शरीर से विभिन्न विषाक्त पदार्थों और इम्युनोग्लोबुलिन को बाहर निकालता है. प्लाज़्मा को हटा कर उसके विकल्प के साथ बदल दिया जाता है. टीपीई रक्त से प्लाज़्मा को अलग करने के लिए एफेरेसिस मशीन नामक एक विशेष उपकरण का उपयोग करता है, जबकि शरीर में रक्त के आवश्यक घटक शेष रहते हैं.

छत्तीसगढ़ में पहली बार बालको मेडिकल सेंटर में चिकित्सीय प्लाज़्मा एक्सचेंज के अलावा, एफेरेसिस तकनीक का उपयोग ल्यूकेफैरेसिस और ग्रैनुलोसाइटैफेरिस प्रक्रियाओं में भी किया गया है.