लक्ष्मीकांत बंसोड़, बालोद। गुंडरदेही थाना क्षेत्र के परसदा गांव में आज एक धर्मांतरित बुजुर्ग के अंतिम संस्कार को लेकर भारी हंगामा हो गया। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने गांव के सार्वजनिक श्मशान घाट में दफनाने का विरोध किया। मामला करीब चार घंटे तक तनावपूर्ण रहा।

जानकारी के अनुसार, 85 वर्षीय लच्छन साहू का इलाज के दौरान हॉस्पिटल में निधन हो गया था। वे पिछले कई वर्षों से ईसाई धर्म अपना चुके थे। परिजनों ने उनकी इच्छा के अनुसार दफन संस्कार करने की तैयारी की, लेकिन जैसे ही शव गांव पहुंचा, ग्रामीणों और संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया।
बजरंग दल और विहिप के लोगों का आरोप था कि गांव के सार्वजनिक श्मशान घाट में दफनाने की परंपरा नहीं है और धर्मांतरण के कारण यहां दफनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इस दौरान ग्रामीणों और परिजनों के बीच बहस बढ़ती गई और विवाद ने तूल पकड़ लिया।

सूचना मिलने पर गुंडरदेही पुलिस मौके पर पहुंची और करीब एक घंटे तक सभी पक्षों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन विरोध कर रहे लोग मानने को तैयार नहीं हुए। स्थिति तनावपूर्ण बनी रही और गांव में भीड़ जुट गई। आखिरकार, लंबी बातचीत के बाद पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप से यह निर्णय लिया गया कि मृतक का अंतिम संस्कार गांव की सार्वजनिक भूमि में न करके उनकी निजी ज़मीन में किया जाए।

करीब दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक यह पूरा हंगामा चला। इसके बाद परिजन शव को लेकर अपने खेत पहुंचे और वहीं दफनाया गया। घटना के बाद गांव में माहौल सामान्य तो हो गया, लेकिन धर्मांतरण और धार्मिक रीतियों को लेकर विवाद फिर एक बार चर्चा में आ गया है। पुलिस ने शांति बनाए रखने की अपील की है।
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