बालोद. नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी नोगेंद्र साहू को कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एफटीएससी (पॉक्सो) कृष्ण कुमार सूर्यवंशी ने धारा 363 के आरोप में पांच वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रुपए अर्थदंड, धारा 366 के आरोप में सात वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रुपए अर्थदंड लैंगिक अपराध की धारा 4 के आरोप में दस वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रुपए अर्थदंड से दडिंत किया. व्यतिक्रम पर छह माह-छह माह-1 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास से दंडित किया गया.
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विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) बसंत कुमार देशमुख के अनुसार 24 मई 2024 को पीड़िता की मां ने थाना रनचिरई में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया. उसकी नाबालिग पुत्री को एक वर्ष से शादी का प्रलोभन देकर 16 मई 2024 को रात्रि 12.30 से 2.30 बजे के मध्य अपने घर के कमरे में बुलाकर जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया. लिखित शिकायत पर धारा 363, 366 (ए), 376 एवं संरक्षरण अधिनियम 2012 की धारा 4 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया. सपूर्ण विवेचना के बाद अभियोग पत्र 27 जून 2024 को प्रस्तुत किया गया. विवेचना उपनिरीक्षक उमा ठाकुर ने की.

गाय का बीमा दावा खारिज करने के खिलाफ फैसला
बालोद. ग्राम रानीतरई निवासी जुगुलराम की खरीदी गई गाय की मृत्यु के बाद बीमा दावा खारिज करने पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग बालोद ने सेंट्रल बैंक और चोलामंडलम बीमा कंपनी के विरुद्ध फैसला सुनाया है.
गाय का 60,000 रुपए का बीमा 24 जनवरी 2017 से 23 जनवरी 2020 तक वैध था. उसकी मृत्यु 14 जनवरी 2020 को हुई थी. बीमा कंपनी ने दावा 18 दिन की देरी के आधार पर अस्वीकार कर दिया था. आयोग ने माना कि बीमा राशि न देना सेवा में कमी है, जिससे मानसिक पीड़ा होना स्वाभाविक है. दस्तावेज के मूल्यांकन के बाद आयोग ने परिवादी का पक्ष स्वीकार करते हुए 45 दिनों के भीतर 51,000 रुपए बीमा क्षतिपूर्ति, 6,000 रुपए मानसिक पीड़ा, 5,000 रुपए वाद व्यय एवं 18 फरवरी 2022 से अंतिम भुगतान तक 6त्न वार्षिक ब्याज सहित भुगतान करने का आदेश जारी किया है.
तंत्र-मंत्र के चक्कर में बैंक कर्मी ने 17 लाख गंवाएं
बालोद. तंत्र-मंत्र के चक्कर में फंसकर बैंक कर्मी 17 लाख रुपए से अधिक की ठगी का शिकार हो गया. बैंक कर्मी की शिकायत पर पुरूर थाने में धारा 3(5), 318 (4) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस को प्रार्थी जीवन लाल साहू पिता रामचरण साहू (62) निवासी पुरूर ने बताया कि ठगी करने वाला लखनऊ (उप्र) निवासी शाहबाज अली है. 4 अगस्त 2024 को हरियाली के दिन काले रंग की कार में शाहबाज अली और एक अन्य व्यक्ति उसके जनरल स्टोर्स दुकान में आए. उन्होंने कहा कि तुम सज्जन व्यक्ति हो. धान, धर्म-कर्म में विश्वास रखते हो. मैं तंत्र साधना जानता हूं, आपको धन दौलत दिला दूंगा. दुकान का बंधन कर दूंगा तो अच्छी चलेगी. परिवार को भी सुरक्षा दूंगा. इसके लिए कुछ पैसा खर्च करना पड़ेगा. इस दौरान मुझे समोहित कर 57 हजार रुपए ले लिया. दुकान बांधने के लिए एक ताबीज और पीतल का कील दिया. दुकान में लगभग 30 मिनट रहे.
हर सप्ताह आकर रकम लेता था
उन्होंने बताया कि इसके बाद वह व्यक्ति हर सप्ताह धमतरी के टाटा मोटर्स रायपुर रोड के पास मिलने के लिए आता और तंत्र मंत्र पूरा नहीं होने की बात कहकर रकम लेता. इस तरह 17 लाख 8 हजार 921 रुपए ले लिया. जब तक तंत्र-मंत्रपूरा नहीं हो जाता, तब तक किसी को कुछ नहीं बताना, नहीं अनिष्ट हो जाएगा.
लगभग डेढ़ माह बाद मोबाइल पर कॉल कर कहने लगा कि उसे तांत्रिक साधना करने के लिए सउदीअरब जाना पड़ेगा. इसके लिए और रकम देनी होगी. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का बैंक डिटेल वाट्सऐप पर भेजा. खातेदार का नाम शाहबाज अली था. वह डराने लगा कि तुहारा काम अधूरा रहने पर बेटे और पत्नी की मृत्यु हो जाएगी. मैं डर गया और अपने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक शाखा पुरूर के माध्यम से उसके खाते में रकम भेज दिया. इसके बाद मैंने कहा कि अब और रकम नहीं दे सकता. मैं कर्जदार हो गया हूं. मेरी रकम वापस कर दो, लेकिन उसने मना कर दिया. तंत्र साधना अधूरा छोड़ने पर अनिष्ट हो जाएगा. रायपुर, दुर्ग, कोरबा और बस्तर में भी 30-35 लोगों के घर तांत्रिक साधना कर लाभ पहुंचाया है. तुहें भी एक साल का इंतजार करना पड़ेगा. तब अहसास हुआ कि मेरे साथ ठगी हो गई है.
नशे की हालत में शाला आता है प्रधान पाठक
डौंडी. शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला बंधियापारा, डौंडी में पदस्थ प्रधान पाठक पर गंभीर आरोप लगे हैं. वे बीते दिनों शराब के नशे की हालत में विद्यालय पहुंचे और बच्चों से संवाद भी किया, जिससे छात्र-छात्राओं और अभिभावकों में असंतोष देखने को मिल रहा है. पालक बच्चे से मिलने जब विद्यालय पहुंचे, तो उन्होंने प्रधान पाठक को नशे की हालत में पाया. उन्होंने जानकारी न केवल विद्यालय के अन्य शिक्षकों को दी बल्कि मोहल्ले के लोगों को भी दी.
खबर फैलते ही माताएं व अन्य अभिभावक आक्रोशित हो गए. शनिवार को सभी महिलाओं ने विद्यालय पहुंचकर प्रधान पाठक को समझाने का निर्णय लिया था, लेकिन वे विद्यालय में उपस्थित नहीं थे. महिलाओं ने पूर्व पार्षद मातरम दास कोसरे व किरण बंजारे वार्ड 10 पार्षद के संज्ञान में लाया और उचित कार्रवाई की मांग की. लोगों का कहना है कि एक शिक्षक का इस प्रकार का व्यवहार न केवल शैक्षणिक वातावरण को दूषित करता है, बल्कि बच्चों की मानसिकता पर भी गलत प्रभाव डालता है. अभिभावकों ने जिला शिक्षा अधिकारी से सत कार्रवाई की मांग की है.
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