लक्ष्मीकांत बंसोड,बालोद। जिले के एक मात्र आदिवासी विकासखंड डौंडी में अधिकारियों के अड़ियल रवैये के चलते आज कलेक्टर से एक किसान को इच्छा मृत्यु मांगने तक की नौबत आ गई. दरअसल डौंडी ब्लॉक के ग्राम किशनपुरी निवासी गिरधारी राम के 98 बोरा (कट्टा) धान को 6 जनवरी को डौंडी तहसीलदार प्रतिमा ठाकरे ने आमाडुला खरीदी केंद्र में जब्ती बनाकर कार्रवाई की थी. जिसके बाद से आज तक उक्त किसान के धान को नहीं छोड़ा गया, जबकि किसान गिरधारी राम का उक्त धान का टोकन भी कट गया था. अब स्तिथि यह हैं कि बारिश के चलते जब्त धान पूरा खराब और अंकुरित हो गया है. जिससे किसान को भारी नुकसान हुआ है. अब किसान ने तहसीलदार पर कार्रवाई करने और इच्छा मृत्यु की मांग कलेक्टर से की है.

किसान का कहना है कि उसके धान को पकड़ने से पहले एक और व्यक्ति का 194 कट्टा धान जब्ती किया गया था, लेकिन तहसीलदार से ऐसा क्या कहा की उन्होंने आमाडूला के धान उपार्जन केन्द्र में खुद फोन लगाकर उसका धान छुड़वा दिया. जिससे उनके कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठ रहा है. अब उसके धान का क्या होगा ? क्या तहसीलदार पर कार्रवाई की जाएगी ?

मामले में तहसीलदार प्रतिमा ठाकरे से जानकारी चाही गई, तो उन्होंने गोल मोल जवाब देते हुए एक किसान का धान कैसे छूट गया उसकी मुझे जानकारी नहीं है कहते हुए फोन काट दिया.

डौंडी पंचायत जनपद उपाध्यक्ष पुनित सेन का कहना है कि किसान के साथ तहसीलदार ने गलत किया है. किसान ने आज कलेक्टर से इच्छा मृत्यु मांगी है. हम उसके साथ खड़े है, उसको न्याय दिला कर रहेंगे. जो भी अधिकारी दोषी है. उनके खिलाफ कार्रवाई कराने के लिए लड़ेंगे.

समिति के अध्यक्ष लिलेश्वर साहू का कहना है कि किसान निर्मल सिंन्हा का 194 कट्टा धान पकड़ा गया था. तहसीलदार के फोन करने पर उसे छोड़ दिया गया. किसान गिरधारी के संबंध में कोई बातचीत नहीं हुई, इसलिए नहीं छोड़ा गया. अब देखना यह होगा कि इस मामले क्या कुछ कार्रवाई की जाएगी.