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अरविंद मिश्रा, बलौदाबाजार। पंचायत चुनाव 2025 के दौरान बलौदाबाजार विकासखंड के ग्राम पंचायत कुकुरदी में मतदान का बहिष्कार देखने को मिला। गांव के निवासियों ने सांवरा जाति के लोगों को पंचायत में शामिल करने का विरोध जताते हुए मतदान प्रक्रिया में भाग नहीं लिया और घरों में ही बैठे रहे। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन सांवरा जाति के लिए अलग व्यवस्था करे या उन्हें वहीं मतदान करने दिया जाए, जहां वे पहले से मतदान करते आ रहे हैं।
198 सांवरा मतदाताओं ने किया मतदान
प्रशासन ने इस संवेदनशील स्थिति को ध्यान में रखते हुए गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया था। जिसके बाद जिला एवं जनपद पंचायत चुनाव में सांवरा जाति के पुरुषों और महिलाओं को मतदान के लिए प्रेरित किया गया, इस दौरान कुल 198 सांवरा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। हालांकि, ग्राम पंचायत कुकुरदी के अन्य ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे और मतदान प्रक्रिया से पूरी तरह दूर रहे।
ग्रामीणों की वर्षों पुरानी मांग, आखिर क्यों हो रहा है विरोध?
ग्राम पंचायत कुकुरदी के निवासी पिछले दस वर्षों से सांवरा जाति को पंचायत में शामिल किए जाने का विरोध कर रहे हैं। पहले प्रशासन ने इस विरोध को ध्यान में रखते हुए सांवरा जाति के लोगों को बलौदाबाजार के वार्ड नंबर 2 में विधानसभा, लोकसभा और नगरपालिका चुनाव में शामिल किया था। लेकिन अब उन्हें फिर से कुकुरदी पंचायत के तहत मतदान करने के लिए जोड़ दिया गया, जिसके कारण ग्रामीणों में असंतोष फैल गया और उन्होंने चुनाव बहिष्कार कर दिया।
ग्रामीणों बोले – बलौदाबाजार में मतदान होता रहा, अब क्यों किया बदलाव?
ग्रामीणों का कहना है कि सांवरा जाति के लोग पहले बलौदाबाजार में निवास करते थे और वहीं मतदान करते थे। बाद में, सौंदर्यीकरण परियोजना के तहत उन्हें कुकुरदी बंजर क्षेत्र में बसाया गया। बावजूद इसके, वे अब तक बलौदाबाजार में ही मतदान करते आए हैं। लेकिन इस बार बिना किसी पूर्व सूचना के उन्हें फिर से कुकुरदी पंचायत में जोड़ दिया गया, जिससे हम नाराज हैं। यही कारण है कि हमने पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया है और आगे भी करेंगे।”
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प्रशासन की पहल और समाधान की दिशा में कदम
विवाद को देखते हुए अपर कलेक्टर दीप्ति गौते मौके पर पहुंचीं और ग्रामीणों से चर्चा की। उन्होंने लोगों को समझाने का प्रयास किया कि सांवरा जाति के मतदाता भी चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा हैं और उन्हें मतदान करने से रोका नहीं जा सकता। प्रशासन की समझाइश के बाद ग्रामीणों ने शांतिपूर्ण मतदान में सहयोग किया और सांवरा जाति के लोगों को जनपद और जिला पंचायत चुनाव में मतदान करने दिया।
अब क्या करेगा जिला प्रशासन?
ग्राम पंचायत कुकुरदी के निवासियों का कहना है कि प्रशासन को उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। वे सांवरा जाति के मतदाताओं को उनके अधिकारों से वंचित नहीं करना चाहते, लेकिन प्रशासन को उनके लिए एक उचित स्थान निर्धारित करना चाहिए।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जिला प्रशासन इस विवाद को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाएगा और ग्राम पंचायत कुकुरदी के ग्रामीणों की मांगों का समाधान कैसे निकाला जाएगा। फिलहाल मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया है, लेकिन इस मुद्दे को लेकर असंतोष बना हुआ है।
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