रायपुर। बलरामपुर जिले में कोडाकू जनजाति से जुड़े एक परिवार के बच्चे की बीते दिनों मौत हो गई थी. इस संबंध में सरकारी जांच रिपोर्ट में जो बाते निकलकर सामने आई है उसमें कहा गया है कि कोडाकू बच्चे की मौत भूखमरी से नहीं हुई है. जबकि मीडिया में खबरें प्रकाशित हुई थी कि बच्चे की मौत भूख और कुपोषण से हुई है. इस संबंध में जांच प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया गया है.

आज अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, खण्ड चिकित्सा अधिकारी द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया. स्थल निरीक्षण के दौरान कई बातें सामने आई. 2 वर्षीय बाबू निवासी ग्राम भगवानपुर तहसील वाड्रफनगर की 11 अगस्त को सुबह करीब 3 बजे मौत हुई थी. इससे पहले 10 अगस्त को बुखार और उल्टी-दस्त से पीड़ित होने के बाद पास के ही ग्राम पंचायत बरतीखुर्द के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में लाया गया था. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र वरतीखुर्द के प्रभारी डॉ. संजय पालेश्वर के द्वारा उपचार किया जा रहा था.

प्राथमिक इलाज के बाद डॉ. संजय पालेश्वर ने बीमारी से संबंधित दवाईया देकर बाबू को उसके नाना विफन राम के साथ वापस उसके निवास भेज दिया गया था. नाना विफनराम के अनुसार 11 अगस्त को भोर में करीब 2 बजे तीव्र गति से मृतक को बुखार और उल्टी-दस्त होने लगा, लेकिन बिफनराम के पास न ही वाहन सुविधा थी और न ही मोबाइल फोन था. जिस कारण विफन राम किसी भी स्वास्थ्य कर्मचारी से सम्पर्क और बाबू को अस्पताल ले जाने में असमर्थ था. जिससे उसकी मौत हो गई. जबकि मीडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार बाबू की मौत का कारण भूखमरी था.

इस संबंध में जांच में यह बात स्पष्ट होता है कि कोडाकू बच्चे की मौत का कारण भुखमरी नहीं है. ग्राम भगवानपुर के सरपंच के द्वारा सद्भावना पूर्वक कार्य करते हुए प्रतिमाह 10 कि.ग्रा. चावल और दाल विफन राम को उपलब्ध कराया जाता रहा है. आज ग्राम के सरपंच और सचिव के द्वारा मृतक के नाना विफन राम को 50 किलोग्राम चावल, 5 किलोग्राम दाल, 5 किलोग्राम आलू और 1 लीटर सरसों तेल दिया गया है. साथ ही फूड इंस्पेक्टर को निर्देशित किया गया है कि 2 दिवस के भीतर ग्राम पंचायत भगवानपुर के सभी कोडाकू परिवारों के लिये राशन कार्ड जारी किया जाए.