सूरज गुप्ता, बलरामपुर।
सरगुजा से बिभाजन हो कर बलरामपुर को अलग जिला बनाया गया लेकिन अभी तक जिले में लगभग 300 से अधिक भवन अधूरे है। भवन की हालात भी जर्जर हो चुकी है।आज बच्चे उधर के एक कमरे में या खुले आसमान के नीचे पढ़ रहे है।
कई स्कूलों में बच्चे एक ही रूम में बैठ पढ़ रहे है। स्कूल भवन के निर्माण का जिमेदारी सर्व शिक्षा अभियान को दी गई थी। सर्व शिक्षा अभियान ने इसकी जिमेदारी ग्राम पंचायत को एजेंसी बना कर निर्माण करने की जिम्मा दे दिया गया। लेकिन अधिकतर निर्माण अधर में हैं. कार्य भी किये गये लेकिन डोर लेबल ,टॉप लेबल तक कर कार्य को छोड़ दिया.
लोगों की माने तो अधूरे पड़े भवन अब निर्माण योग्य नहीं बचे है। उस पर पुन कार्य करना सरकारी पैसे का दूर उपयोग करना होगा। अब वही सम्बंधित अधिकारी जाँच और रिकवरी का हवाला दे रहे है और पुनः निर्माण की बात कह रहे है। इस पुरे मामले में जिला प्रशासन ने संज्ञान में लेकर कार्यवाही करने की बात कह रहे है और जरुरत के हिसाब से नए स्कूल भवन की प्रस्ताव भी राज्य शासन को भेजे जाने की बात कह रहे है।