बलरामपुर। गुरुवार को छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित पुलिस थाने में हिरासत में युवक की मौत के बाद भीड़ ने थाने पर हमला कर दिया था। जमकर पथराव व थाने में तोड़फोड़ किया। पुलिस ने आंसू गैस छोड़ भीड़ को बलपूर्वक खदेड़ा था। घटना के दूसरे दिन बलरामपुर के लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। इस बीच छत्तीसगढ़ प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के नाम चार सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है और दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने बात कही है। संघ ने यह चेतावनी भी दी है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो संघ न्याय पाने के लिए सड़क की लड़ाई लड़ने पर विवश हो जाएगा।

छत्तीसगढ़ प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के नाम लिखे ज्ञापन में कहा कि, ”बलरामपुर जिला मुख्यालय में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय अंतर्गत कार्यरत गुरुचंद मंडल की पुलिस हिरासत में मृत्यु का प्रकरण सामने आया है। अवगत होना चाहेंगे कि पुलिस हिरासत में मौत का यह प्रकरण अत्यंत गंभीर है और संबंधित पुलिस कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर शक पैदा करता है। यह ज्ञात हुआ है कि मृतक कर्मचारी की पत्नी गुमशुदा थी, जिसकी तलाश करने के स्थान पर पुलिस मृतक पर ही संदेह कर उसे और उसके परिजन को बार-बार थाने बुलाती रही और दबाव बनाती रही। यह भी बताया गया है कि उनके साथ अत्यधिक मारपीट भी की गई। इस प्रकार की मृत्यु मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है जिसके लिए दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।

छत्तीसगढ़ प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से इस मामले के संबंध में चार सूत्रीय मांग भी रखी है। संघ का कहना है कि मांगों पर कार्रवाई न करने पर समस्त कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त रहेगा, जिसके लिए संघ न्याय पाने हेतु सड़क की लड़ाई लड़ने पर विवश हो जाएगा।

छत्तीसगढ़ प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संघ की चार सूत्रीय मांग

1- मामले की सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा जांच करवाई जाए।
2- पीड़ित परिवार को एक करोड़ की राशि मुआवजे के रूप में दी जाए।
3- परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
4- बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाए।

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