प्रतीक चौहान. राजधानी रायपुर में BUMS की डिग्री धारी डॉक्टर मरीजों को गुमराह कर रहे है. वे अपने क्लीनिक के बाहर बोर्ड में अपने नाम के आगे General Physician & Surgeon लिख रहे है. इतना ही नहीं ये बीयूएमएस डॉक्टर अपने क्लीनिक से मरीजों को बिना ड्रग लाईसेंस दवाईयां और इंजेक्शन भी बेच रहे है. ऐसे ही एक BAMS डॉक्टर की करतूत को लल्लूराम डॉट कॉम ने अपने कैमरे में कैद किया. हम बात कर रहे है BUMS डॉ केतन पटेल की, जिनकी क्लीनियर राजधानी रायपुर के श्रीनगर में मौजूद है. (यहां Click कर देंखे Video)
डॉ केतन पटेल (BUMS) लंबे समय से इस क्षेत्र में प्रैक्टिस कर रहे है. अपनी डिग्री के अनुरूप न तो अपने क्लीनिक में इन्होंने बोर्ड लगाया है और न ही इसके पास ड्रग लाईसेंस. लल्लूराम की टीम जब इनके क्लीनिक पहुंची तब भी ये मरीज का ट्रीटमेंट कर रहे थे. ये पूछे जाने पर कि आपके पास कौन सी डिग्री है और ड्रग लाईसेंस हो तो दिखाएं.
जिसके बाद डॉ केतन पटेल (BUMS) ने अपनी BUMS की डिग्री और रजिस्ट्रेशन तो दिखाया लेकिन दवाई बेचने के लिए अनिवार्य ड्रग लाईसेंस न होने की बात उन्होंने ऑन कैमरा स्वीकार्य की.
क्या कहा सहायक नियंत्रक ने
इस संबंध में लल्लूराम डॉट कॉम ने सहायक औषधीय नियंत्रक डॉ. बसंत कौशिक से बातचीत की. उन्होंने कहा कोई भी डॉक्टर या बीयूएमएस डॉक्टर बिना ड्रग लाईसेंस के मरीजों को दवाईयां नहीं बेच सकता है. उन्होंने कहा कि हमारा टीम ऐसे ही लोगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है.
क्या कहते है छत्तीसगढ़ आयुर्वेद, यूनानी एवं प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड के रजिस्ट्रार
इस मामले में लल्लूराम डॉट कॉम ने डॉ संजय शुक्ला से बातचीत की. डॉ शुक्ला वर्तमान में छत्तीसगढ़ आयुर्वेद, यूनानी एवं प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड के रजिस्ट्रार है. लल्लूराम डॉट कॉम ने उनसे पूछा कि क्या कोई बीयूएमएस डॉक्टर अपने नाम के आगे Surgeon लिख सकता है ? तो उन्होंने कहा नहीं. बीयूएमएस डॉक्टर को अपने नाम के आगे Surgeon लिखने की अनुमति नहीं है. उन्होंने एक दवाईयों की सूची के नाम भी उपलब्ध कराएं, जो बीयूएमएस डॉक्टर नियमों के मुताबिक उपयोग कर सकते है. लेकिन वे मरीजों को बिना ड्रग लाईसेंस बेच नहीं सकते, इसकी भी पुष्टि उन्होंने की.
उन्होंने कहा कि ये ड्रग विभाग के लिए जांच का विषय है कि उपरोक्त डॉक्टर कौन-कौन सी दवाईयां का उपयोग कर रहा है और कैसे बिना ड्रग लाईसेंस के वो मरीजों को बेच रहा है.