लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर बड़ा हमला बोला हैं। UPSC में सीधी भर्ती के विज्ञापन पर रोक के फैसले पर कहा कि सरकार PDA की एकता के आगे झुक गई। सरकार को अपना फैसला भी वापस लेना पड़ा है। उन्होंने कहा कि आरक्षण को नकारते हुए नियुक्तियों की साजिश हो रही थी। भारतीय जनता पार्टी के षड्यंत्र अब कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर हुआ है।

UPSC में सीधी भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगने को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर जमकर निशाना साधा हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर हुआ है। यह PDA में आए जागरण, चेतना की बहुत बड़ी जीत है। लेटरल भर्ती के खिलाफ आंदोलन हम स्थगित करते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी चाल कामयाब नहीं होने देंगे।

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अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा- ‘यूपीएससी में लेटरल एन्ट्री के पिछले दरवाज़े से आरक्षण को नकारते हुए नियुक्तियों की साज़िश आख़िरकार पीडीए की एकता के आगे झुक गयी है। सरकार को अब अपना ये फ़ैसला भी वापस लेना पड़ा है। भाजपा के षड्यंत्र अब कामयाब नहीं हो पा रहे हैं, ये PDA में आए जागरण और चेतना की बहुत बड़ी जीत है।’

आगे कहा कि ‘इन परिस्थितियों में समाजवादी पार्टी ‘लेटरल भर्ती’ के ख़िलाफ़ 2 अक्टूबर से शुरू होनेवाले आंदोलन के आह्वान को स्थगित करती है, साथ ही ये संकल्प लेती है कि भविष्य में भी ऐसी किसी चाल को कामयाब नहीं होने देगी व पुरज़ोर तरीके से इसका निर्णायक विरोध करेगी। जिस तरह से जनता ने हमारे 2 अक्टूबर के आंदोलन के लिए जुड़ना शुरू कर दिया था, ये उस एकजुटता की भी जीत है। लेटरल एंट्री ने भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है। #नहींचाहिएभाजपा’

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दरअसल, यूपीएससी ने 17 अगस्त को एक विज्ञापन जारी करते हुए 45 ज्वाइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर लेवल की भर्तियां निकाली थी। सरकार के इस फैसले पर जमकर सियासी बवाल मचा। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने सरकार पर आरक्षण विरोधी का आरोप लगाया। एनडीए के घटक दलों ने भी इस फैसले की आलोचना की थी। वहीं अब केंद्र ने लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगा दी है। इस मामले को लेकर कार्मिक मंत्री ने यूपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर सीधी भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगा दी गई है।