गुरुग्राम . संरचनात्मक ऑडिट में सहयोग नहीं करने पर जिला प्रशासन ने DLF और रहेजा बिल्डर की परियोजनाओं में खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है. दोनों बिल्डर जब तक ऑडिट की रकम जमा नहीं करेंगे, तब तक यह रोक लगी रहेगी.

चिंटल पैराडाइसो सोसाइटी में लैंटर गिरने से दो महिलाओं की मौत की घटना के बाद गुरुग्राम की करीब 70 रिहायशी सोसाइटियों के निवासियों ने इमारतों की मजबूती की जांच की मांग उठाई. जिला प्रशासन ने पहले चरण में 15 रिहायशी सोसाइटियों का संरचनात्मक ऑडिट के लिए चयन किया. सेक्टर-54 के डीएलएफ पार्क प्लेस, सेक्टर-108 स्थित रहेजा वेदांता और सेक्टर-109 स्थित रहेजा अथर्वा सोसाइटी का हरियाणा सरकार की सलाहकार कंपनियों ने निरीक्षण कर कुछ टेस्ट करवाने की सिफारिश की. इसके लिए डीएलएफ को 61. 36 लाख और रहेजा बिल्डर को 77.28 लाख रुपये जमा करवाने हैं. आठ महीने से नोटिस देने के बावजूद उन्होंने जब राशि जमा नहीं की तो जिला नगर योजनाकार, प्रवर्तन (डीटीपीई) ने इन बिल्डरों की संपत्ति से इस राशि को वसूल करने के लिए पत्र लिखा. इसके बाद जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने इनकी परियोजनाओं में संपत्ति की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया. डीटीपीई ने इसके अलावा स्पेज टावर्स प्राइवेट लिमिटेड, एडवांस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और सेंट्रल पार्क बिल्डर को नोटिस देकर एक सप्ताह में ऑडिट की रिपोर्ट सौंपने के आदेश जारी किए.