दिल्ली। उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अहम फैसला देते हुए प्रदेश में तत्काल हुक्का बार पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वह किसी भी रेस्टोरेंट व कैफे में हुक्का बार चलाने की इजाजत नहीं देंगे। कोर्ट ने अपने आदेश का पालन कराकर 30 सितंबर तक सरकार से इसकी रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने रजिस्ट्रार को आदेश की प्रति मुख्य सचिव व प्रदेश के सभी डीएम को अनुपालन के लिए भेजने का निर्देश दिया है।
ये महत्वपूर्ण आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता एवं शमीम अहमद की खंडपीठ ने लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि छात्र हरगोविंद पांडेय द्वारा जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने अधिवक्ता विनायक मित्तल को इस मामले में एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है। कोर्ट ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। कोरोना संक्रमितों की संख्या प्रतिदिन बढ़ हाईकोर्ट ने इसके फैलाव को रोकने के लिए मुख्य सचिव को रोड मैप तैयार करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद कोरोना जंगल की आग की तरह फैलता जा रहा है। अगर रेस्टोरेंट व कैफे में हुक्का बार पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो यह सामुदायिक संक्रमण का रूप ले लेगा।