कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में नर्सिंग परीक्षाओं (Nursing Exams) पर रोक बरकरार रहेगी। ग्वालियर हाई कोर्ट (High court)  में आज फिर मामले में अहम सुनवाई हुई। इस दौरान CBI ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश की। सीबीआई ने 271 कॉलेजों में से 140 कॉलेजों की रिपोर्ट सबमिट की। रिपोर्ट में 50% कॉलेज डिफिशिएंसी के साथ संचालित पाए गए। इसके बाद कोर्ट ने इंडियन नर्सिंग काउंसिल को कहा कि INC अपने डाटा से CBI के डाटा को मैच कर रिपोर्ट पेश करे।

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वहीं INC के डाटा में मैनिपुलेशन पाए जाने पर कोर्ट ने तल्ख तेवर भी दिखाए। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि डाटा मैनिपुलेशन पाए जाने पर इंडियन नर्सिंग काउंसिल और मेडिकल यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार अधिकारियों पर एफआईआर की जाएगी।

सुनवाई के दौरान मेडिकल यूनिवर्सिटी पर भी कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा, मेडिकल यूनिवर्सिटी की हालत ‘दिया तले अंधेरे’ जैसी बन गई है। मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी तो कानून से भी ऊपर है, इनके कार्यकलापों का कोई अंत ही नहीं है, आज जो चल रहा है सब आपका ही करा धरा है और आप लोग अपनी हरकत से बाज भी नहीं आ रहे हैं। मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी क्यों खोली गई है ? क्या मेडिकल कॉलेज ठीक नहीं चल रहे थे या कॉलेजों को बदनाम करने के लिए यूनिवर्सिटी को खोल दिया गया है। अच्छे खासे मध्य प्रदेश में मेडिकल कॉलेज चल रहे थे, उनका अच्छा नाम था। मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी खुलते ही सब खराब कर दिया है।

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CBI को दिए ये निर्देश

वहीं कोर्ट ने कॉलेजों में भर्ती स्टाफ और उनसे जुड़ी प्रोसेस को लेकर CBI को निर्देश देते हुए कहा, CBI अपनी आगामी रिपोर्ट में नर्सिंग कॉलेजों के प्रिंसिपल और टीचर्स की भर्ती की जानकारी भी पेश करे। स्टाफ को किस तरह सैलरी दी जा रही है, कॉलेज यदि किराए की बिल्डिंग में चल रहे हैं तो कब से चल रहे हैं, यदि इन कॉलेजों में स्टाफ को सैलरी और बिल्डिंग किराया का भुगतान नगद किया जा रहा है तो यह भी एक बड़ा फ्रॉड सामने आ सकता है। सीबीआई इस संबंध में भी डिटेल रिपोर्ट पेश करे।

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कोर्ट ने कहा, CBI जांच में जो कॉलेज सही तरीके से संचालित हो रहे हैं, उसमें एकेडमिक सत्र को फिर से कैसे शुरू किया जा सकता है, इस पर सभी अपनी राय पेश करें, ताकि सत्र का संचालन हो सके। अब 3 अगस्त को मामले में अगली सुनवाई होगी।बता दें कि बीते 27 फरवरी को हाईकोर्ट ने Bsc नर्सिंग, Bsc पोस्ट बेसिक, Msc नर्सिंग की परीक्षा पर रोक लगाई थी। मामले को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही है।  28 अप्रैल को कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है। 

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