लक्षिका साहू,रायपुर। ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग ऐप्स पर केंद्र सरकार के फैसले को लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए केंद्र की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपने पोस्ट में “सट्टा से सत्ता” लिखकर भाजपा और NDA सरकार पर तंज कसा है।

भूपेश बघेल ने लिखा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के दौरान ही दिसम्बर 2022 में विधानसभा में जुआ एक्ट में संशोधन कर ऑनलाइन सट्टा और गेमिंग ऐप्स पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद उन्होंने 1 दिसंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देशभर में ऑनलाइन बैटिंग और अवैध सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की थी।

भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर बैन लगाने में देरी का आरोप लगाते हुए 4 सवाल खड़े किए

  1. क्या अब तक ऑनलाइन बैटिंग केंद्र सरकार की मर्जी से ही चल रही थी?
  2. इसका मतलब आप देश के युवाओं को इस सट्टेबाजी में धकेल रहे थे?
  3. क्या गेमिंग कंपनियों से इलेक्टॉरल बॉण्ड के रूप में भाजपा द्वारा चंदा लेकर इन्हें बढ़ावा दिया जा रहा था?
  4. यही कंपनियां भारतीय क्रिकेट टीम की प्रायोजक थीं, जिसके ज़िम्मेदार पद पर गृहमंत्री जी के सुपुत्र बैठे हैं?

भूपेश बघेल ने कहा कि आशा है, ऑनलाइन बैटिंग को रोकने के लिए लाए गए कानून के पीछे भाजपा की मंशा इन कंपनियों को ब्लैकमेल कर चंदा वसूलने और अवैध सट्टा को संरक्षण देने की नहीं होगी और देश में हर प्रकार की ऑनलाइन बैटिंग और अवैध सट्टे पर रोक लगेगी।