बिलासपुर। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) द्वारा प्रदेश के बी फार्मा और डी फार्मा कॉलेजों पर लगाई गई रोक हाईकोर्ट ने हटा दी है. चौकसे कॉलेज की ओर से PCI के फैसले को चुनौती दी गई थी, जिस पर सुनवाई करने के बाद जस्टिस पी सेम कोशी के सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया.
फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) ने 2019 में किसी भी प्रदेश में 50 से अधिक कॉलेज होने पर बी फार्मा और डी फार्मा के नए कालेज खोलने पर प्रतिबंध लगाया था. जानकार बताते हैं कि इस प्रतिबंध की वजह से प्रदेश के 35 से अधिक नए प्राइवेट फार्मेसी कालेज के आवेदन लंबित हैं. फार्मासिस्टों की मांग और फार्मेसी कोर्स के प्रति छात्रों के रुझान को देखते हुए PCI ने नियम में बदलाव की प्रक्रिया शुरू की थी. प्रदेश में वर्तमान समय में 50 से अधिक फार्मेसी कालेजों का संचालन हो रहे हैं.
राज्य में 22 हजार से अधिक पंजीकृत फार्मासिस्ट
बता दें राज्य में 22 हजार वहीं देश में 12 लाख से अधिक फार्मासिस्ट पंजीकृत हैं. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, हर 15 बिस्तर पर एक फार्मासिस्ट की आवश्यकता है. वहीं 80 फीसद दवा दुकानों में फार्मासिस्ट रहते ही नहीं हैं. यदि नियम का पालन कराया जाए तो राज्य में 15 हजार से अधिक फार्मासिस्टों को सीधे रोजगार मिल सकता है. इसके अलावा दवा कंपनियों में भी फार्मासिस्टों की काफी मांग है.