सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने के आदेश को लेकर चिकित्सा जगत में हलचल मच गई है। IMA और हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने इस निर्णय का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि, “मैं पहले निजी प्रैक्टिस के खिलाफ था, लेकिन अब जो स्थिति उत्पन्न हुई है, वह उचित नहीं है। आधी-अधूरी तैयारी के बीच सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस को बंद करने का आदेश जारी किया गया है, और इसका मैं विरोध करता हूं।”

डॉ. गुप्ता ने यह भी कहा कि, “सरकारी डॉक्टरों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए, उनकी व्यवस्था पहले की जाए। ड्यूटी समय में यदि कोई डॉक्टर प्राइवेट अस्पताल में सेवा दे रहा है, तो यह बिल्कुल गलत है। विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे डॉक्टरों को सही दिशा दिखाएं।”

देखें IMA अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता का Exclusive इंटरव्यू

गौरतलब है कि मेडिकल शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस बंद करने के आदेश के बाद प्रभावित मेडिकल कॉलेजों के एक दर्जन से अधिक डॉक्टरों ने इस्तीफे की पेशकश की है। इस फैसले से सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों में असंतोष का माहौल है और आगे की स्थिति पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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