Bandi Chhor Divas 2025: अमृतसर. सिख समुदाय का प्रमुख पर्व बंदी छोड़ दिवस इस बार 20 अक्टूबर (दीवाली) के बजाय 21 अक्टूबर को मनाया जाएगा. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) द्वारा जारी नानकशाही कैलेंडर के अनुसार, कत्तक माह की पांचवीं तारीख (21 अक्टूबर) को बंदी छोड़ दिवस और दीवाली मनाई जाएगी.

इस पावन अवसर पर सिख संगत बड़ी संख्या में सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब, अमृतसर में नतमस्तक होगी. इस दिन सभी गुरुद्वारों में धार्मिक समागम होंगे और श्री हरिमंदिर साहिब को दीपों से सजाया जाएगा. साथ ही आतिशबाजी का आयोजन भी किया जाएगा.

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Bandi Chhor Divas 2025

Bandi Chhor Divas 2025

सुरक्षा के कड़े इंतजाम (Bandi Chhor Divas 2025)

पंजाब प्रशासन ने इस अवसर के लिए व्यापक तैयारियां की हैं. ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े इंतजाम किए गए हैं. केंद्रीय एजेंसियों और अर्धसैनिक बलों की टीमें भी हर गतिविधि पर नजर रख रही हैं ताकि यह पर्व शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संपन्न हो.

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क्या है बंदी छोड़ दिवस का इतिहास (Bandi Chhor Divas 2025)

बंदी छोड़ दिवस सिखों के छठे गुरु, श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी की याद में मनाया जाता है. गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने ग्वालियर के किले से 52 राजाओं को रिहा करवाकर अमृतसर लौटे थे. उनकी वापसी की खुशी में अमृतसर में विशेष रूप से रोशनी की गई थी. इसी ऐतिहासिक घटना की स्मृति में सिख समुदाय हर साल श्री हरिमंदिर साहिब में बंदी छोड़ दिवस मनाता है.

अकाल तख्त साहिब से जत्थेदार का संदेश (Bandi Chhor Divas 2025)

बंदी छोड़ दिवस की शाम को श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार दुनिया भर की सिख संगत के नाम संदेश जारी करते हैं. यह संदेश धार्मिक होने के साथ-साथ राजनीतिक भी होता है, जिसमें सिख समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान के उपायों पर प्रकाश डाला जाता है. यह संदेश देश-दुनिया में बसे हर सिख द्वारा श्रद्धा के साथ स्वीकार किया जाता है.

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