सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ में खाद्य सुरक्षा के प्रति जन जागरूकता बढ़ाने और खाद्य सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा “बने खाबो – बने रहिबो” नामक तीन दिवसीय विशेष जांच एवं जन-जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई। इस अभियान की शुरुआत 4 अगस्त को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने रायपुर स्थित अपने निवास से चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला वाहनों को हरी झंडी दिखाकर की। इस अभियान के दौरान राज्य के 33 जिलों में 1978 खाद्य नमूनों की ऑनस्पॉट जांच की गई।

“बने खाबो – बने रहिबो” अभियान के शुरुवात होते ही अमित कटारिया सचिव महोदय, छत्तीसगढ़ शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मार्गदर्शन में एवं दीपक कुमार अग्रवाल नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ के निर्देशन में रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के समस्त 33 जिलों के खाद्य सुरक्षा अधिकारयों द्वारा खाद्य परोसने वाले संस्थानों, स्ट्रीट फूड वेंडर्स, रेस्टोरेंट आदि की सघन जांच की गई। इसके साथ की प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात 08 चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला वाहन द्वारा भी रोस्टर अनुसार समस्त जिलों का दौरा कर स्थानीय हाट बाजार, स्ट्रीट फूड, रेस्टोरेंट में परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थों के गुणवत्ता की जांच की गई।

खाद्य कारोबारकर्ताओं, उपभोक्ताओं एवं जन सामान्य को खाद्य सुरक्षा के प्रति, एफ.एस.एस.ए.आई. के नियमों एवं खाद्य सुरक्षा के साधारण सिद्धांत से अवगत कराया जा रहा है।
खाद्य सुरक्षा के साधारण सिद्वांत जैसे कि भोजन को एक विशेष तापमान पर रख रखाव, खाद्य पदार्थों के पैकेजिंग एवं परोसने में अखबारी कागज का उपयोग ना करना, खाना पकाने में एक ही तेल को बार-बार गर्म कर उपयोग ना करना, फोर्टिफाईड निशान युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना आदि ऐसी कई छोटी-छोटी बातें है जिसे अपनाकर लोग बहुत से गंभीर बीमारियों से बच सकते है एवं स्वस्थ जीवन जी सकते है, उन तरीकों के बारे में खाद्य कारोबाकर्ताओं एवं जनसमान्य को जानकारी दी गयी। जन सामान्य को सही भोजन ही स्वस्थ जीवन का आधार है की संकल्पना के बारे में बताया गया।
“बने खाबो – बने रहिबो” अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के समस्त 33 जिलों में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा 162 विधिक नमूने, 628 सर्विलेंस नमूने जांच के लिए संग्रहित किये गए। साथ ही 08 चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला वाहन के माध्यम से मौके पर 1978 खाद्य नमूनों की ऑनस्पॉट जांच की गई, जिसमें से 1886 नमूने मानक तथा 58 नमूने अमानक, 24 मिथ्याछाप तथा 10 असुरक्षित पाये गये। अमानक पाये गये खाद्य पदार्थों को मौके पर नष्ट कराया गया है। अमानक पाये गय खाद्य पदार्थ को मौके पर नष्ट कराया गया ताकि अमानक खाद्य पदार्थ विक्रय न हो सकें।
जानिए कहां-कहां की गई कार्रवाई
अभियान के दौरान 4 अगस्त को जिला बलोद में 05 लीटर यूज्ड कूकिंग ऑयल, जिला बेमेतरा में 10 लीटर यूज्ड कूकिंग ऑयल, जिला दंतेवाडा में 7 लीटर यूज्ड कूकिंग ऑयल एवं जिला महासमुंद में 5 लीटर यूज्ड कूकिंग ऑयल नष्ट किया गया। जिला रायगढ़ में 03 किलो मलाई पेडा, जिला रायपुर में 25 किलो दही, रसगुल्ला अमानक पाये जाने पर मौके पर नष्ट किया गया तथा 50 किलो पनीर जब्ती की गई। 5 अगस्त को जिला दुर्ग में 05 नग पिज्जा, जिला मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 02 लीटर मीठी चटनी, जिला रायपुर में 2 किलो अखबारी कागज़, जिला सक्ति में 10 किलो मटर चाट एवं 2.5 किलो यूज्ड कूकिंग ऑयल मानक अनुरूप नहीं होने पर खाद्य पदार्थ को नष्ट किया गया। 6 अगस्त को जिला बालोद में 2 किलो खोवा व छेना, जिला बलौदाबाजार में 20 किलो पेडा, जिला बीजापुर में 5 किलो लड्डू, 2 लीटर मीठी चटनी, जिला दुर्ग में 4 किलो मोमोस एवं 2 लीटर यूज्ड कूकिंग ऑयल, जिला गरियाबंद में 2 किलो फफूंदी युक्त खोवा अमानक पाये जाने पर नष्ट किया गया।
“बने खाबो – बने रहिबो” अभियान को बड़े पैमाने पर जन सहयोग मिला। चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला वाहन जहां पर जांच के लिए खड़ी होती थी वहां लोगों की भीड़ लग जाती, खाद्य कारोबारकर्तागण एवं जन सामान्य मौके पर चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला वाहन पर हो रहे जांच को अवलोकन करते रहें।
दीपक कुमार अग्रवाल नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन छत्तीसगढ़ द्वारा जानकारी दी गयी थी कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर इस तरह की प्रदेश व्यापी अभियान चलाकर लोगों को खाद्य सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जायेगा एवं आवश्यक होने पर कार्यवाही भी की जायेगी। “बने खाबो बने रहिबो” अभियान के तहत 03 दिनों में ही 162 विधिक नमूने, 628 सर्विलेंस नमूने लिए गए। चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला वाहन द्वारा पूरे प्रदेश में भ्रमण कर 1978 खाद्य नमूने की ऑनस्पॉट टेस्टिंग की गई और अधिकाधिक जनसंख्या को खाद्य सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया। इस तरह “बने खाबो – बने रहिबो” अभियान अपने उद्देश्यों में सफल रहा।
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