Bangalore Businessman Frustrated With Tax System: बेंगलुरु में रहने वाले रोहित श्रॉफ इन दिनों काफी परेशान हैं. वजह कोई नुकसान नहीं, कोई घोटाला नहीं, बल्कि वही सिस्टम है जिसमें वे ईमानदारी से काम कर रहे हैं. रोहित एक बिजनेस चलाते हैं. उन्होंने पिछले एक–डेढ़ साल में सरकार को करीब चार करोड़ रुपये टैक्स के रूप में दिए हैं. जीएसटी भी, इनकम टैक्स भी. सब कुछ समय पर. कागज पूरे. फिर भी परेशानी खत्म नहीं हुई. रोहित कहते हैं कि टैक्स देने के बाद भी चैन नहीं है. कभी कोई नोटिस आ जाता है, कभी कोई सवाल. ऐसा लगता है जैसे हर बार खुद को फिर से साबित करना पड़ता है कि उन्होंने कोई गलती नहीं की.
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“गलत करने वाले बच जाते हैं, सही करने वाले फंसते हैं”
रोहित ने यह बात लिंक्डइन पर लिखी. उन्होंने साफ कहा कि सबसे ज्यादा दबाव उन्हीं लोगों पर होता है, जो नियम मानते हैं.
उनका कहना है, “जो लोग ईमानदारी से टैक्स देते हैं, वही बार-बार जांच में आ जाते हैं. ऐसा लगता है जैसे सिस्टम को हम पर भरोसा ही नहीं है.”
उनके हिसाब से टैक्स देने के बाद भी कारोबारी को शक की नजर से देखा जाता है. हर बार यही डर बना रहता है कि अगला नोटिस कब आ जाएगा.
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रोहित का कहना है कि भारत में कारोबार करना अब पहले जैसा आसान नहीं रहा. मेहनत से ज्यादा समय कागजों, जवाबों और सफाइयों में चला जाता है.
उन्होंने लिखा कि टैक्स देने वालों की संख्या वैसे ही कम है, लेकिन पूरा बोझ उन्हीं पर डाल दिया गया है. इससे ऐसे लोग हतोत्साहित हो रहे हैं, जो सही तरीके से आगे बढ़ना चाहते हैं.
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2026 तक भारत छोड़ने का फैसला
लगातार दबाव और तनाव के बाद रोहित ने एक बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने कहा है कि वे 2026 तक भारत छोड़कर बाहर किसी और देश में अपना बिजनेस करने की तैयारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह फैसला किसी गुस्से में नहीं लिया गया. बस अब लगने लगा है कि यहां रहकर काम करना मुश्किल होता जा रहा है.
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रोहित ने साफ किया कि देश छोड़ने का मतलब देश से नफरत करना नहीं होता. उन्होंने लिखा, “यह देशभक्ति का मुद्दा नहीं है. यह सच्चाई है. जब सिस्टम साथ नहीं देता, तो इंसान मजबूर हो जाता है.”
रोहित की बात सिर्फ उनकी नहीं है. बहुत से छोटे और मझोले कारोबारी भी यही महसूस करते हैं. फर्क बस इतना है कि ज्यादातर लोग खुलकर बोल नहीं पाते. वे टैक्स देना अपनी जिम्मेदारी मानते हैं, लेकिन बार-बार की जांच, नोटिस और दबाव उन्हें अंदर से तोड़ देता है.
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