Muhammad Yunus: बांग्लादेश (Bangladesh)की कट्टरपंथी मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पूर्व पीएम शेख हसीना (Sheikh Hasina) को तोड़ने के लिए सारी हदें और मर्यादा को पार कर रही है। अब यूनुस सरकार ने शेख हसीना का समर्थन करने वाले शिक्षकों के खिलाफ ऐसा निर्णय ले लिया, जिसकी पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है। मुहम्मद यूनुस सरकार ने जुलाई 2024 के विद्रोह के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए विभिन्न विभागों के लगभग 50 शिक्षकों को ‘अवांछित’ घोषित कर दिया है।

यूनुस सरकार के इस फैसले के बाद ढाका यूनिवर्सिटी के कई शिक्षक कक्षाएं नहीं ले पा रहे हैं। शेख हसीना सरकार का कथित रूप से समर्थन करने के कारण उन्हें पढ़ाने से रोक दिय़ा गया है। बांग्लादेश के प्रमुख अख़बार प्रोथोम अलो की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से अधिकतर स्टूडेंट बांग्लादेश छात्र लीग (बीसीएल) के सदस्य थे, जो अवामी लीग की छात्र शाखा है।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इन शिक्षकों को शैक्षणिक गतिविधियों से निलंबित करते हुए ‘तथ्य-खोज समितियों’ का गठन किया था। हालांकि, कई महीनों के बाद भी, शिक्षक कक्षाओं में वापस नहीं आ पाए।
बता दें कि अंतरिम सरकार ने अक्टूबर 2024 में आतंकवाद विरोधी अधिनियम 2009 के तहत बीसीएल पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि यूनुस सरकार ने सत्ता संभालने के बाद पिछले साल 28 अगस्त को कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी और उसके छात्र संगठन इस्लामी छात्र शिबिर पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था।
यूनुस के सत्ता में आने के बाद बांग्लादेश के कई विश्वविद्यालयों में कई शिक्षकों और छात्रों को अंधाधुंध तरीके से निलंबित कर दिया गया है। सोमवार को एक अलग घटनाक्रम में, ढाका यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने 128 छात्रों को निलंबित कर दिया, उन पर जुलाई के विद्रोह के दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों पर हमला करने का आरोप है।
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