Bangladesh News: बांग्लादेश में बकरीद यानी ईद-उल-अजहा (Eid al-Adha) पर 91 लाख से ज्यादा पशुओं की कुर्बानी (More than 91 lakh animals were sacrificed) की गई। इसका मतलब एक दिन में बकरीद पर 91 लाख से ज्यादा जानवर बांग्लादेश के लोग खा गए। इसमें गायों की संख्या सबसे ज्यादा थी। इस साल 47.5 लाख गाय और भैंसों की कुर्बानी दी गई। राजशाही डिवीजन में सबसे अधिक कुर्बानी हुई है। जबकि मयमनसिंह में सबसे कम।
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बता दें कि पूरी दुनिया में ईद-उल-अजहा 6 से 7 जून को मनाया गया है। इस दौरान पूरी दुनिय़ा में करोड़ों पशुओं की कुर्बानी की गई। बांग्लादेश के मत्स्य पालन और पशुधन मंत्रालय के डेटा के मुताबिक देश में इस ईद पर 91 लाख से ज्यादा पशुओं की कुर्बानी की गई। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस साल 47.5 लाख गाय और भैंसें थीं। जबकि 44.3 लाख बकरियां और भेड़ें थीं। इसके अलावा कई दूसरे पशों की भी कुर्बानी की गई।
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साथ ही पशुधन मंत्रालय ने ये भी बताया कि देश में इस साल पशु ज्यादा होने की वजह से लगभग 33.10 लाख पशु नहीं बिक सके। जो पशु नहीं बिके हैं, उम्मीद है कि वो ईद के अलावा विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और समारोहों में काटे जाएंगे।
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कहां कितनी हुई कुर्बानी
बांग्लादेश में सबसे ज्यादा कुर्बानी राजशाही डिवीजन में हुई, जहां 23.24 लाख पशुओं की बलि दी गई। वहीं दूसरे स्थान पर ढाका में 21.85 लाख पशुओं की बलि दी गई। इसके अलावा चटगांव में 17.53 लाख, रंगपुर डिवीजन में 9.64 लाख और खुलना में 8.04 लाख पशुओं को कुर्बान किया गया। देश के कम कुर्बानी वाले इलाकों में बारिसाल डिवीजन 4.7 लाख, वहीं सबसे कम संख्या मयमनसिंह डिवीजन में 3.83 लाख और सिलहट डिवीजन में 3.19 लाख के साथ शामिल हैं।
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ईद उल अजहा पर कुर्बानी की मान्यता
बता दें कि मान्य़ता है कि ईद उल अजहा के मौके पर 3 दिन तक ‘संपन्न’ मुसलमानों द्वारा पशुओं की बलि दी जाती है। इस दिन मुसलमान अल्लाह के लिए पैगम्बर इब्राहिम की कुर्बानी को याद करते हुए जानवरों की कुर्बानी करते हैं। कुर्बान किए जाने वाले जानवरों में भेड़, बकरी, भैंस, गाय, ऊट आदि जानवर आते हैं। ईद के पहले दिन की शुरुआत सुबह में ईद की नमाज से होती है, फिर अगले तीन तक जानवरों की कुर्बानी की जाती है और उसका गोश्त गरीबों रिश्तेदारों में बांटा जाता है।
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