BANGLADESH: इंकिलाब मंच के लीडर 32 साल के शरीफ उस्मान बिन हादी की मौत के बाद से राजधानी ढाका समेत 4 शहरों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं। उस्मान हादी की मौत के बाद एक बार फिर भारत और बांग्ला संस्कृति के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है. इंकलाब मंच ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि बांग्लादेश के युवा नेता शरीफ उस्मान हादी को उनके परिवार के अनुरोध पर शनिवार (20 दिसंबर 2025) को देश के राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम के बगल में दफनाया जाएगा. बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ’20 दिसंबर को उनके जनाजे की नमाज संसद भवन के साउथ प्लाजा में शनिवार दोपहर 2:30 बजे पढ़ी जाएगी.

दावा तो यह भी चल रहा है कि उस्मान हादी के हत्या का दोष भारत पर मढ़ना यूनुस सरकार और बांग्लादेशी कट्टरपंथी जमातों की सोची समझी साजिश है. हादी के पॉलिटिकल मर्डर में “पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI” का हाथ होने का भी शक है. बांग्लादेश में हादी की हत्या के शक की सुई यूनुस सरकार की ओर भी घूम रही है क्योंकि कई ऐसी बातें हैं जो हादी की हत्या में यूनुस सरकार पर सवाल खड़े करती हैं. 

पहली तो यह कि उस्मान हादी मोहम्मद यूनुस के लिए राजनीतिक चुनौती बन चुका था. दूसरी वजह यह है कि हादी ने कई बार सार्वजनिक मंचों से यूनुस सरकार की आलोचना की थी. तीसरी वजह यह है कि उस्मान हादी खुद भारत विरोधी कट्टरपंथी नेता होने के साथ ही बांग्लादेशी युवाओं में भी काफी लोकप्रिय था. उस्मान हादी की हत्या के पीछे यह थ्योरी बड़ी तेजी से चल रही है कि यूनुस सरकार को उस्मान हादी से बगावत का डर था क्योंकि उस्मान हादी और उसके संगठन के लोगों को अंतरिम सरकार में कोई जगह नहीं दी गई जब उस्मान हादी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया तो उसका कत्ल करवा दिया.

मोहम्मद यूनुस हादी की हत्या पर शोक जताते हैं. लेकिन सच तो यह भी है कि जिस दिन हादी को गोली मारी गई उसी दिन उसके समर्थकों ने अल्टीमेटम दे दिया था. हादी के समर्थक सिर्फ उसके हत्या से गुस्से में नहीं हैं बल्कि यूनुस सरकार के खिलाफ भी गुस्से में हैं.

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m