विप्लव गुप्ता, पेंड्रा. प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि हितग्राही में खाता में आई ही थी कि बैंक ने उसे ऋण राशि में समायोजित कर लिया. अब गरीब हितग्राही पैसे के लिए बैंक का चक्कर लगा रहा है. मामले पर बैंक प्रशासन से बात करने में गोल-मोल जवाब दिया जा रहा है. वहीं जब जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और उच्च अधिकारियों को पूरे मामले की शिकायत की गई, तो बैंक से पैसा वापस करवा देने की बात कह रहे है.
हितग्राही मूलक योजनाओं पर बैंक के नियम भारी पड़ रहे हैं. ऐसा ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ भी हो रहा है. दरअसल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पेंड्रा विकासखंड आमाडांड़ के राजू साहू का आवास स्वीकृत हुआ था. जिसकी प्रथम किस्त कुछ दिनों पहले ही खाते में जमा हुआ था. पैसा निकालने के लिए जनपद से स्वीकृति के बाद राजू जब बैंक पहुंचा तो उसके खाते में जीरो बैलेंस था. जांच पड़ताल और पता करने पर मालूम हुआ कि खाते में जमा हुई राशि बैंक ने समायोजित कर ली है.
राजू साहू ने बताया कि उसने लगभग 5-6 साल पहले दुकान संचालन के लिए ग्रामीण बैंक से 1 लाख कर्ज लिया था. जिसका रकम वह लगातार किस्तों में जमा कर रहा था. लेकिन पिछले 4 साल से उसने किस्त की रकम जमा नहीं की थी. इसी दौरान बैंक खाते में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रथम किस्त लगभग 35000 जमा हुआ. जिसके जमा होते ही बैंक ने पूरी राशि कर्ज में समायोजित कर दी और बैलेंस शून्य कर दिया. जिसके बाद से अब हितग्राही आवास के लिेए आए पैसों के लिए सरकारी अधिकारियों और बैंक का चक्कर लगाने को मजबूर है.
पासबुक में की गई डाटा एंट्री से यह स्पष्ट नजर आ रहा है कि राजू साहू के खाते में जमा पैसा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ही आया था. साथ ही उस का समायोजन भी बैंक ने अपने ऋण खाते में कर दिया है. अब उसके खाते में अब 0 बैलेंस नजर आ रहा है. जब इस मामले में बैंक अधिकारियों से बात की गई तो वो मामले में पल्ला झाड़ते हुए नजर आए. वहीं जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बैंक द्वारा की गई इस कटौती को पूरी तरह गलत बता रहे है.
उनका कहना है कि पहले भी बैंकों द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए थे. इसके बावजूद भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही इस महत्वपूर्ण हितग्राही मूलक योजना में शासन द्वारा जमा किए गए पैसे कि इस तरह कटौती पूर्णता गलत है और बैंक को पैसा हितग्राही के खाते में वापस करना होगा. उन्होंने कहा कि इस संबंध में बैंकों के साथ उच्च अधिकारियों की दोबारा मीटिंग कराई जाएगी.