Bank FD Rates Hike Update: एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और आईसीआईसीआई बैंक समेत कई बड़े बैंकों ने हाल ही में फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. अगर आप इन दिनों एफडी कराने की योजना बना रहे हैं, तो आपको उससे पहले बैंकों की नई ब्याज दरों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए.

हम आपको बता रहे हैं कि कौन सा बैंक 3 करोड़ रुपये से कम की एफडी पर कितना ब्याज दे रहा है. ताकि आप अपने हिसाब से सही जगह निवेश कर सकें. यहां देखें कि ब्याज दरों में बदलाव के बाद अब कहां एफडी कराना ज्यादा फायदेमंद रहेगा. Read More – Money Laundering Case : ईडी ने Nia Sharma को भेजा समन, Krystle Dsouza और Karan Wahi से भी होगी पूछताछ …

1 साल की एफडी पर ब्याज

बैंक ब्याज दर
HDFC 6.60%
ICICI 6.70%
एक्सिस 6.70%
PNB 6.75%
SBI 6.80%
BOI 6.80%

एफडी से मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स देना होता है

एफडी से मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्सेबल होता है. एफडी पर एक साल में आप जो भी ब्याज कमाते हैं, वह आपकी सालाना आय में जुड़ जाता है. कुल आय के आधार पर आपका टैक्स स्लैब तय होता है.

चूंकि एफडी पर मिलने वाले ब्याज को “अन्य स्रोतों से आय” माना जाता है, इसलिए इस पर टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स या टीडीएस के तहत शुल्क लिया जाता है. जब आपका बैंक आपकी ब्याज आय को आपके खाते में जमा करता है, तो उसी समय TDS काट लिया जाता है. आइए जानते हैं FD पर टैक्स से जुड़ी कुछ बातें:

अगर आपकी कुल आय एक साल में 2.5 लाख रुपये से कम है, तो बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर TDS नहीं काटता है. हालांकि, इसके लिए आपको फॉर्म 15G या 15H जमा करना होगा. ऐसे में अगर आप TDS बचाना चाहते हैं, तो फॉर्म 15G या 15H जरूर जमा करें. Read More – Anant Ambani और Radhika Merchant की शादी की रस्में हुईं शुरू, मामेरु रस्म में दिखा पूरा परिवार ..

अगर आपकी सभी FD से ब्याज आय एक साल में 40,000 रुपये से कम है, तो TDS नहीं काटा जाता है. वहीं, अगर आपकी ब्याज आय 40,000 रुपये से ज्यादा है, तो 10% TDS काटा जाएगा. पैन कार्ड न देने पर बैंक 20% काट सकता है.

40,000 से ज्यादा की ब्याज आय पर TDS काटने की यह सीमा 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए है. वहीं, 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों की एफडी से 50,000 रुपये तक की आय कर मुक्त है. इससे अधिक आय पर 10% टीडीएस काटा जाता है.

अगर बैंक ने आपकी एफडी ब्याज आय पर टीडीएस काटा है और आपकी कुल आय आयकर के दायरे में नहीं आती है, तो आप टैक्स दाखिल करते समय काटे गए टीडीएस का दावा कर सकते हैं. यह आपके खाते में जमा हो जाएगा.