जम्मू कश्मीर प्रशासन के अनुरोध पर सीबीआई ने जम्मू कश्मीर बैंक के पूर्व चेयरमैन समेत कुल 20 लोगों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है. इन लोगों पर बैंक को 800 करोड़ रुपए से ज्यादा का चूना लगाने का आरोप है. एफआईआर में ज्यादातर जम्मू कश्मीर सरकार के 14 अधिकारी शामिल हैं. साथ ही यह लोन अवैध तरीके से REI एग्रो लिमिटिड को दिए जाने का आरोप है.

सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक मामला 17 मार्च 2022 को दर्ज किया गया है. देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई ने जम्मू कश्मीर बैंक को 800 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप में बैंक के पूर्व चैयरमैन मुस्ताक अहमद शेख और संजय झुनझुनवाला समेत 20 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इससे पहले भी जम्मू एंड कश्मीर बैंक के खिलाफ कई मामलों की जांच सीबीआई और ईडी कर रही है.

सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि इस घोटाले की बाबत जम्मू कश्मीर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने सीबीआई को शिकायत दी थी, जिसमें कहा गया था कि तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से आर ई आई एग्रो लिमिटेड को लोन दिया गया.

जो बाद में बैंक को वापस ही नहीं हो पाया. शिकायत के मुताबिक REI एग्रो लिमिटिड जिसका हेड ऑफिस कोलकाता में है और कॉर्पोरेट ऑफिस दिल्ली में है. कंपनी ने J&K बैंक की मुंबई की माहिम ब्रांच से लोन के लिए आवेदन किया था, जबकि कंपनी की कोई भी ब्रांच मुंबई में नहीं थी.

दिलचस्प यह है कि कंपनी की कोई ब्रांच वहां न होने के बावजूद भी जम्मू कश्मीर बैंक की माहिम ब्रांच ने REI एग्रो लिमिटिड को 550 करोड़ का लोन दिया था. वहीं वसंत विहार ब्रांच ने 135 करोड़ रुपए इस कंपनी को दिया.

आरोप है कि लोन लेने के लिए तमाम नियम कानूनों को ताक पर रख दिया गया. ये लोन REI एग्रो लिमिटिड को बैंकिंग प्रणाली के साथ छेड़छाड़ करके साल 2011 से 2013 के बीच मे दिया गया था. जिसके बाद इस लोन को 2014 में NPA घोषित कर दिया गया, जिसकी वजह से बैंक को भारी नुकसान हुआ था.

ध्यान रहे कि 2019 में जम्मू कश्मीर की एन्टी करप्शन ब्रांच ने J&K बैंक के अधिकारियों पर 1100 करोड़ के हुए नुकसान को लेकर एफआईआर दर्ज कर पूरे देश भर में छापेमारी की थी. उसके बाद एसीबी ने 32 आरोपियो के खिलाफ चार्जशीट भी कोर्ट में दाखिल कर दी थी.

जम्मू कश्मीर शासन के अनुरोध पर अब सीबीआई में इस मामले में विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है. इस FIR में मात्र 800 करोड रुपए के घोटाले की बाबत जानकारी दी गई है. संभावना है कि आने वाले दिनों में सीबीआई और भी एफआईआर और छापेमारी कर सकती है.

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