दीपक कुमार / बांका। बिहार के बांका जिले से एक बार फिर से निजी स्वास्थ्य व्यवस्था की बेरुखी और लापरवाही का मामला सामने आया है। शंभूगंज बाजार के करसोप रोड स्थित एक निजी क्लीनिक में प्रसव के दौरान एक महिला और उसके जुड़वां बच्चों की मौत हो गई। घटना के बाद क्लीनिक संचालक और पूरा स्टाफ क्लीनिक बंद कर फरार हो गया।
आशा कार्यकर्ता ने सरकारी अस्पताल से निजी क्लीनिक भेजा
मृतका की पहचान बरौथा गांव निवासी रवीश कुमार की पत्नी रोमा कुमारी (25) के रूप में हुई है। बुधवार को प्रसव पीड़ा होने पर रोमा को शंभूगंज सीएचसी लाया गया जहां जांच में जुड़वां स्वस्थ शिशु होने की पुष्टि हुई। परिजनों का आरोप है कि सीएचसी में सही सलाह देने के बजाय आशा कार्यकर्ता ने निजी क्लीनिक भेजने के लिए बहकाया। जिसके बाद रोमा को मंजू देवी सेवा सदन क्लीनिक ले जाया गया।
इंजेक्शन देने के बाद बिगड़ी हालत, तीनों की मौत
क्लीनिक में फीस जमा कराने के बाद रोमा को इंजेक्शन दिया गया। लेकिन इंजेक्शन देने के कुछ ही देर बाद ही उसकी हालत बिगड़ने लगी। क्लीनिक स्टाफ ने कोई ठोस उपचार नहीं किया और रोमा की मौके पर ही मौत हो गई, साथ ही गर्भ में पल रहे जुड़वां शिशुओं की भी जान नहीं बच सकी।
हंगामे के बाद डॉक्टर और स्टाफ फरार
जैसे ही मौत की खबर परिजनों तक पहुंची उन्होंने क्लीनिक में जबरदस्त हंगामा शुरू कर दिया। स्थिति बिगड़ती देख क्लीनिक संचालक और सारा मेडिकल स्टाफ फरार हो गया। मौके पर पहुंचे शंभूगंज थानाध्यक्ष अरविंद राय ने पुलिस बल के साथ स्थिति को संभाला और शव को कब्जे में लेकर थाना लाया गया।
पहले भी विवादों में रहा है यह क्लीनिक
गौरतलब है कि मंजू देवी सेवा सदन क्लीनिक इससे पहले भी विवादों में रहा है। तीन महीने पहले भी इसी क्लीनिक में एक प्रसूता को पैसे न देने पर छह घंटे तक बंधक बनाया गया था। उस समय भी पुलिस ने हस्तक्षेप कर महिला को छुड़ाया था लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई।
स्थानीय स्तर पर बिचौलियों का गोरखधंधा
स्थानीय लोगों का आरोप है कि निजी क्लीनिक जांच घर और अल्ट्रासाउंड सेंटर के नाम पर खुलेआम गैरकानूनी काम हो रहे हैं। कुछ आशा कार्यकर्ता निजी क्लीनिकों से मिले हुए हैं और गरीब मरीजों को वहां भेजकर बिचौलिए का काम कर रही हैं।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की नींद अब भी नहीं टूटी
सीएचसी प्रभारी डॉ. अजय शर्मा ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए दोषियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस जांच जारी है लेकिन सवाल ये है कि क्या अब भी सरकारी तंत्र जागेगा या फिर एक और मौत सिर्फ फाइलों में दबी रह जाएगी?
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