मथुरा. वृंदावन के श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन का समय बढ़ाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट की गठित कमेटी ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दर्शन का समय ढाई घंटे बढ़ाया है. इसके विरोध में मंदिर की प्रबंध समिति और सेवायत सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. इनका कहना है कि भगवान का विश्राम का समय होता है. ऐसे में समय बढ़ाने से विश्राम नहीं हो सकेगा.

सुनवाई के दौरान सेवायतों ने दलील दी कि भगवान का अपना विश्राम काल होता है, जिसे बदला नहीं जा सकता. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की “आराम के समय भगवान को वास्तव में आराम कब करने दिया जाता है? प्रभावशाली लोगों को उसी समय दर्शन की अनुमति दी जाती है.” मामले में अगली सुनवाई जनवरी के पहले सप्ताह में होगी.

इसे भी पढ़ें : हां मैंने ही ढांचा तुड़वाया…बाबरी फैसले से पहले बोले थे रामविलास वेदांती, फांसी चढ़ने के लिए हो गए थे तैयार

सीजेआई सूर्यकांत ने कहा कि ‘दिन में 12 बजे मंदिर बंद होने के बाद ये देवता को एक मिनट के लिए भी विश्राम नहीं करने देते हैं. उस समय सबसे ज्यादा उन्हें परेशान किया जाता है और मोटी फीस लेकर धनी लोगों के लिए स्पेशल पूजा करवाई जाती है. इस दौरान उन लोगों को आमंत्रित किया जाता है, जो मोटी रकम दे सकते हैं और उनके लिए विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है.’