प्रयागराज। बरेली में 26 सितंबर को हुई हिंसा को लेकर इलाहाबाद HC में जनहित याचिका दाखिल की गई है। जनहित याचिका में ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई है। साथ ही कार्रवाई से प्रभावितों को मुआवजा और ध्वस्तीकरण के मामले की न्यायिक जांच की मांग की गई। याचिका कर्ता का कहना है कि निर्दोष व्यक्तियों पर कार्रवाई न किए जाए और हिंसा को लेकर दर्ज फर्जी FIR रद्द किया जाए। इस जनहित याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है।
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क्या था पूरा मामला
बताया जा रहा है कि मौलाना तौकीर रजा ने मुस्लिमों से शहर के इस्लामिया ग्राउंड में प्रदर्शन करने की अपील की थी। जुमे की नमाज खत्म होते ही भीड़ अचानक सड़क पर उतर आई थी। फिर जबरन ग्राउंड में जाने की जिद पर अड़ गई थी। पुलिस ने पहले उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। देखते ही देखते भीड़ ने धार्मिक नारे लगाते हुए तोड़फोड़ शुरू कर दी। छतों से पत्थर फेंके और मामला सुलझने के बजाय और ज्यादा बिगड़ गया था। हालात बिगड़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया और सीओ सिटी ने टियर गैस का गोला छोड़ा। उपद्रव की यह घटना कोतवाली थाना क्षेत्र के बिहारीपुर रोड पर हुई।
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जितना दबाओगे, मामला उतना उभरेगा
मौलाना तौकीर का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें उसने पत्थरबाजों को मुबारकबाद दी थी। वीडियो में तौकीर कह रहे थे कि सरकार मुसलमानों की मुखालफत पर आमादा है। मेरा झूठा पैड इस्तेमाल कर गुमराह किया गया है। हमें जितना दबाओगे, मामला उतना उभरेगा। मौलाना ने पत्थरबाजी के आरोप को झूठा बताते हुए कहा था कि पुलिस ने मुसलमानों पर जानबूझकर लाठियां चलाई है। मुझे गिरफ्तार कर लो या गोली मार दो, लेकिन सरकार का रवैया एकतरफा है।
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