Basant Panchami 2025: मां सरस्वती का यह अनोखा मंदिर छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर स्थित है, जहां सीढ़ियां झारखंड में हैं, लेकिन गर्भगृह छत्तीसगढ़ में आता है. यह मंदिर छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले और झारखंड के गुमला जिले की सीमा पर स्थित मदमकटा पहाड़ पर स्थित है.
यह मंदिर न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. सरस्वती माता के इस मंदिर में हर वर्ष श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, विशेष रूप से बसंत पंचमी के अवसर पर. हर साल बसंत पंचमी के अवसर पर यहाँ विशेष पूजा-अर्चना होती है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं.
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मंदिर की खासियत (Basant Panchami 2025)
- सीढ़ियां झारखंड में, गर्भगृह छत्तीसगढ़ में – यह मंदिर इस अनोखी भौगोलिक स्थिति के कारण प्रसिद्ध है. भक्तों को मंदिर में प्रवेश करने के लिए झारखंड से चढ़ाई करनी पड़ती है, लेकिन पूजा का मुख्य स्थान छत्तीसगढ़ में आता है.
- विद्या की देवी मां सरस्वती को समर्पित – यह मंदिर देवी सरस्वती का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है.
- प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक शांति – मंदिर पहाड़ियों और हरी-भरी वादियों के बीच स्थित है, जिससे यह भक्तों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मंदिर एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है, जिससे यहाँ से खूबसूरत नजारे दिखते हैं.
- शारदा मंदिर के रूप में प्रसिद्ध – यह स्थान स्थानीय लोगों के बीच “शारदा मंदिर” के नाम से भी जाना जाता है.
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