मथुरा. श्री बांके बिहारी मंदिर का तहखाना आज 54 साल बाद आज धनतेरस पर खोला गया. जो कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी की देखरेख में तहखाना खुला. जिसकी वीडियोग्राफी भी की गई. अंदाजा लगाया जा रहा था कि तहखाने से अमूल्य वस्तुएं, हीरे-जवारात निकलेंगे. लेकिन हुआ उसका उल्टा. अंदर जेवरातों के खाली डब्बे और खाली संदूक मिले. जिसे देखकर सभी हैरान रह गए.

खजाने में पीतल के बर्तन, संदूक और आभूषणों के खाली बॉक्स ही मिले हैं. अफसरों की निगरानी में दिल्ली से आए सीए ने पूरे सामान की सूची बनाई. खजाने में बड़े पैमाने पर हीरे, जवाहरात होने की बात कही जा रही थी मगर ऐसा कुछ नहीं निकला. इस दौरान सेवायतों ने हंगामा और नारेबाजी भी की.

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जानकारी के मुताबिक कार्रवाई शुरू करने के पहले तोषखाने के द्वार पर दीप जलाकर पूजा की गई. फिर जंग लगे ताले को कटर से काटा गया. इसके बाद मलबा नजर आया. जिसे साफ करने के बाद टीम ने अंदर पहुंचकर तोषखाने को चेक किया. इसी दरम्यान दो सांप निकलने के कारण टीम पीछे हट गई. बाद में जांच के बाद तहखाने के फिर से बंद कर दिया गया. बताया जा रहा है कि सामान गायब होने से बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. लिहाजा अंदेशा जताया जा रहा है कि तहखाना जल्द ही दोबारा खोला जा सकता है.

1971 में खुला था तहखाना

जानकारी के मुताबिक इससे पहले 1971 जब तहखाना खोला गया था. 1990 मे तहखाना खोलने का प्रयास किया गया था लेकिन, खुल नहीं सका था. बताया जा रहा है कि तहखाने की रक्षा स्वयं शेषनाग करते हैं. सुप्रीम कोर्ट की ओर से तहखाना खोलने के लिए 11 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई थी. इस टीम में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज अशोक कुमार, सिविल जज जूनियर डिवीजन के निर्देशन शिप्रा दुबे, नगर सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ सिटी, मंदिर के लेखा अधिकारी के अलावा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक, जिलाधिकारी, बांके बिहारी मंदिर के चार गोस्वामी शामिल हैं.