दशहरे के दूसरे दिन यानी आज बुधवार को लोगों ने असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक दशहरा परंपरागत तरीके से मनाते हैं. अलग-अलग राज्यों में इसे भिन्न तरीकों से मनाया जाता है. आपसी शत्रुता भुलाने के लिए इस दिन लोग एक-दूसरे के गले मिलते हैं.
इन दिन सारे गिले-शिकवे दूर करके अपनों को गले लगाकर उसने पुन: रिश्ता कायम किए जाने का भी प्राचलन रहा है. इस दिन कई मंदिरों और अन्य जगहों पर भंडारे का आयोजन भी होता है और बहुत से घरों में कुटुंभ भोज का आयोजन होता है. Read More – द कश्मीर फाइल्स के बाद अब विवेक अग्निहोत्री लाने वाले हैं नई फिल्म Parva, कहानी महाभारत पर होगी आधारित …
बासी दशहरे के दिन भी सभी लोग स्वर्ण के प्रतीक शमी पत्तों को एक-दूसरे को बांटते हैं. इस दिन कई लोग अपने घरों में या अन्य जगह पर पारिवारिक पार्टी का आयोजन भी करते हैं. इस दिन खासतौर पर गिल्की के पकौड़े और गुलगुले (मीठे पकौड़े) बनाने का प्रचलन है. पकौड़े को भजिए भी कहते हैं. Read More – Karwachauth 2023 : करवाचौथ पर चाहिए साफ ग्लोइंग Skin, तो अभी से लगाना शुरू करें मेथी दाना का मास्क …
कई लोग एक-दूसरे के घर जाकर, गले मिलकर, चरण छूकर बड़ों का आशीर्वाद लेते हैं और छोटो को दशहरी देते हैं. हर प्रांत में दशहरे के दूसरे दिन को मनाने की अलग अलग परंपराएं प्रचलित हैं. कई लोग इस दिन मनोरंजन के खेल खेलते हैं.
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