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महासमुंद। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अंकित बागबाहरा ने बसना नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के निर्वाचन को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी को लिखित शिकायत सौंपी है। शिकायत के साथ उन्होंने प्रमाण स्वरूप एक पेन ड्राइव भी जमा कराई है, जिसमें कथित अनियमितताओं के सबूत होने का दावा किया गया है। उन्होंने अध्यक्ष पद के निर्वाचन की घोषणा रोकने, पुनः चुनाव करवाने और एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है।
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अंकित बागबाहरा ने बताया कि बसना नगर पंचायत चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए चार प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था। लेकिन स्क्रूटनी के बाद नाम वापसी की अंतिम तिथि पर तीन प्रत्याशियों ने अचानक अपने नाम वापस ले लिए, जिससे भाजपा प्रत्याशी डॉ. खुशबू अग्रवाल निर्विरोध निर्वाचित हो गईं।
अंकित का आरोप है कि इस चुनाव में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित किया गया है। उन्होंने इस मामले में दिनांक 1 फरवरी 2025 को निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच कराने और सीसीटीवी फुटेज तथा कॉल रिकॉर्ड्स उपलब्ध कराने की मांग की थी। लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जब उन्होंने निर्वाचन कार्यालय से संपर्क किया, तो उन्हें केवल कार्यालय समय में जवाब देने की बात कहकर टाल दिया गया और बाद में उनका फोन भी रिसीव नहीं किया गया।
यूट्यूब वीडियो में सामने आए बड़े खुलासे
अंकित बागबाहरा के मुताबिक ‘The Hit’ नामक यूट्यूब चैनल के पत्रकार याज्ञवल्क्य ने अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा किया कि आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी अमरीन गिनानी के पति इरफान गिनानी (इल्लु) ने आरोप लगाया है कि भाजपा प्रत्याशी के ससुर डॉ. एन.के. अग्रवाल ने उन्हें और उनकी पत्नी को अध्यक्ष पद से नाम वापस लेने के बदले उपाध्यक्ष बनाने का ऑफर दिया था। इसके अलावा, वार्ड 14 और 15 को निर्विरोध कराने की साजिश भी रची गई।
इन लोगों पर लगे गंभीर आरोप
अंकित बागबाहरा के मुताबिक पत्रकार याज्ञवल्क्य (यूट्यूबर) की रिपोर्ट में स्पष्ट आरोप लगाए गए हैं कि डॉ. एन.के. अग्रवाल (निवासी बसना, भाजपा प्रत्याशी के ससुर), साजिद चमड़िया (पदमपुर, ओडिशा निवासी), जौहरी (कांग्रेस की वार्ड 15 प्रत्याशी, बसना निवासी), सुमित अग्रवाल (बसना विधायक संपत अग्रवाल के पुत्र), वाधवा, जसवंत सिंह सलूजा (निवासी बसना) ने एक सोची-समझी साजिश के तहत अन्य प्रत्याशियों को डराया या प्रलोभन देकर चुनाव से हटने पर मजबूर किया।
अंकित बागबाहरा ने की कानूनी कार्रवाई की मांग
अंकित बागबाहरा ने इस पूरे मामले को लोकतंत्र की हत्या बताते हुए इसे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और स्थानीय निर्वाचन नियमों का उल्लंघन करार दिया है। उनके अनुसार, यदि किसी प्रत्याशी को डराकर या लालच देकर चुनाव से हटने के लिए मजबूर किया जाता है, तो इसे भ्रष्ट आचरण माना जाता है और इसके तहत एफआईआर का प्रावधान है।
अंकित ने निर्वाचन आयोग से मांग की है कि बसना नगर पंचायत के अध्यक्ष पद की घोषणा तत्काल प्रभाव से रोकी जाए। इसके अलावा मामले में संलिप्त लोगों के खिलाफ एफआईआर और नगर पंचायत अध्यक्ष पद का पुनः निष्पक्ष चुनाव कराया जाए। अंकित ने बताया कि उन्होंने इस संदर्भ में एसडीएम बसना को 1 फरवरी को सौंपे गए पत्र की छायाप्रति भी प्रस्तुत की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में प्रशासन निष्पक्ष कार्रवाई नहीं करता और निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया सुनिश्चित नहीं की जाती, तो वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि यह केवल एक चुनाव नहीं बल्कि लोकतंत्र की रक्षा का प्रश्न है, और वे इसे अंतिम समय तक लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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