संजीव शर्मा, कोंडागांव. जिले के किसान अब हाईटेक खेती कर अपनी आय बढ़ा रहे हैं. जिले के किसान भी नवाचार के तहत विदेशी सब्जियों को उगाने में रूचि ले रहे हैं. इसके साथ ही किसान आय बढ़ने से खुशहाल भी हैं. पहली बार विदेशी प्रजाति की फूलगोभी ने कोंडागांव के बाजार में प्रवेश किया है. कोंडागांव से रोज एक क्विंटल हरे, पीले और बैगनी रंग की गोभी की शहरों में खपत हो रही है. बस्तर में इन दिनों इजराईल-जापान जैसे विदेशी फूलगोभी को लोग काफी पसंद भी कर रहे हैं.

हरे, पीले और बैगनी रंग के गोभी की फसल लगभग दो महीने के भीतर तैयार हो रही है, जबकि सामान्य गोभी दो महीने में तैयार हो जाता है. सोनाबाल निवासी कार्तिक बैधरू ने बताया कि हम इसी साल से रंगीन गोभी की पैदावार कर रहे हैं. अभी हम लोग 40 डिसमिल में खेती कर रहे हैं. 120 रुपए प्रति किलो में बेच रहे हैं. सामान्य गोभी को 40 रुपए किलो बेच रहा हूं.

पहली बार रंगीन गोभी देख हाथों हाथ ले रहे लोग
किसान कार्तिक ने बताया, लोग भी नीली-पीली गोभी को पहली बार देखकर हाथों हाथ ले रहे हैं. इसे मैंे 200 रुपए किलो बेचता था पर उसे अब मैं 120 रुपए में बेच रहा हूं और मुझे काफी मुनाफा हो रहा है. अभी पीली-नीली गोभी जगदलपुर, दंतेवाड़ा के अलावा ओडिशा और रायपुर तक जा रहा है. अगले साल इसकी पैदावार और अधिक क्षेत्र में बढ़ाने की तैयारी कर रहा हूं.

बस्तर की भूमि गोभी की खेती के लिए अनुकूल
उद्यान विभाग कोंडागांव के लोकेश्वर प्रसाद ने बताया कि मोडीफाई जेनेटीक है, इसकी फसल इजराईल और जापान में होती है. इसका नाम कैरोटीन अर्थात पीला फूलगोभी और वेलेंटीना अर्थात बैंगनी फूलगोभी है. कोंडागांव के किसान भी अब इसकी खेती कर रहे हैं. इसके लिए यहां की भूमि अनुकूल है. इसमें हेल्थ के लिए अच्छी प्रोटीन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है. यह फसल 60 दिन मंे तैयार हो जाती है. इसकी खेती के लिए और भी किसानों को प्रेरित कर रहे हैं. जिससे जिले में अधिक से अधिक पैदावार हो सके और किसानों को इससे अधिक लाभ मिले.