जगदलपुर (चित्रकोट)। चित्रकोट पंचायत के सैकड़ों ग्रामीणों ने नाका सील करने के प्रशासनिक फैसले के खिलाफ मंगलवार को एसडीएम कार्यालय का घेराव किया।

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सरपंच भंवर मौर्य के नेतृत्व में पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि नाका के जरिए बेरोजगार युवाओं को काम मिलता था और पंचायत की आय भी बढ़ती थी। सील लगने से रोजगार बंद हो गया है और युवा पलायन को मजबूर हो रहे हैं। नाका से मिलने वाली आय से सफाई, पर्यटन स्थल की देखरेख और सुरक्षा संचालित होती थी, जो अब प्रभावित हो गई है।

गंदगी और पर्यटन पर नकारात्मक असर दिख रहा है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि 7 दिन में सील नहीं हटाई गई तो वे बेमियादी धरने पर बैठेंगे। उनका कहना है कि नाका पुनः शुरू करने से न केवल आय बढ़ेगी बल्कि पर्यटन को भी नई ऊर्जा मिलेगी।

पर्यटन स्थल पर समिति गठन को स्वीकृति का इंतजार

लोहंडीगुड़ा। चित्रकोट ग्रामसभा ने स्थानीय पर्यटन स्थल पर शुल्क व्यवस्था और सफाई प्रबंधन के लिए नई समिति गठित करने का निर्णय 22 सितंबर को प्रशासन को भेजा था। ग्रामीणों का कहना है कि इससे न केवल पर्यटन विकास होगा बल्कि रोजगार और आजीविका के नए अवसर भी मिलेंगे। 2022 के पेसा एक्ट के तहत आदिवासी बहुल क्षेत्रों की ग्रामसभाओं को विशेष अधिकार प्राप्त हैं, लेकिन अब तक इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली है। ग्रामसभा का आरोप है कि प्रशासन ने समय पर कार्रवाई नहीं की, जिससे पर्यटन स्थल की व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। ग्रामीणों ने दोबारा प्रशासन से आग्रह किया है कि समिति गठन को तुरंत मान्यता दी जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे और स्थानीय संसाधनों का लाभ सीधे गांववासियों को मिल सके।

दशहरा में मावली परघाव की रस्म आज

जगदलपुर। बस्तर दशहरा पर्व के तहत 1 अक्टूबर को मावली परघाव की रस्म का आयोजन होगा। इसके लिए मां दंतेश्वरी का छत्र और मावली माता की डोली दंतेवाड़ा से रवाना होकर देर रात जगदलपुर पहुंची। कल राजमहल लाकर परंपरा अनुसार परघाव पूजा होगी। बताते चलें कि बस्तर में मावली माता 21 नामों से पूजी जाती हैं और इन्हें बस्तर की मूल देवी माना जाता है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ेंगे। काकतीय राजाओं के समय से चली आ रही परंपरा के तहत राजपरिवार मावली माता को दशहरा पर्व में आमंत्रित करता है। फूल रथ और विजय रथ खींचने की रस्म में छत्र विराजित होता है, जिसे देखने हजारों लोग जुटते हैं। मावली परघाव वास्तव में बस्तर की सांस्कृतिक पहचान और आस्था का महापर्व है।

अष्टमी पर मां दंतेश्वरी की डोली जगदलपुर रवाना

दंतेवाड़ा। शारदीय नवरात्र की अष्टमी पर दंतेश्वरी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और हवन संपन्न हुआ। दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा। परंपरा अनुसार अष्टमी को मां दंतेश्वरी की डोली जगदलपुर के लिए रवाना हुई, जिसे दो स्थानों पर सशस्त्र जवानों ने सलामी दी। पहले मंदिर द्वार पर और फिर डंकनी नदी पुल के पास पूजा-अर्चना कर डोली को सम्मान दिया गया। इसके बाद मांईजी की डोली फूलों से सजे वाहन में जगदलपुर के लिए रवाना हुई। यात्रा के दौरान प्रशासन ने पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए। श्रद्धालुओं ने इसे आस्था और संस्कृति का प्रतीक बताया। बुधवार को महानवमी पर दंतेश्वरी मंदिर में कन्या पूजन और भंडारा होगा। यह यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक एकता का भी प्रतीक मानी जाती है।

जर्जर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ग्रामीणों का चक्का जाम

दरभा। जगदलपुर–सुकमा मार्ग पर NH-30 की बदहाली को लेकर दरभा ब्लॉक के दर्जनभर गांवों के ग्रामीणों ने सोमवार को चक्का जाम कर दिया। गुप्त नाग के नेतृत्व में हुए आंदोलन में ग्रामीणों ने कहा कि टैक्स भरने के बावजूद सड़क गड्ढों में तब्दील है। पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। करीब दो घंटे जाम रहने से सैकड़ों वाहन फंसे रहे। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर 25 अक्टूबर तक सड़क मरम्मत शुरू नहीं हुई तो 30 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन जाम होगा। प्रभावित गांवों में केशलूर, नेगानार, तोंगपाल, कुकानार और अन्य शामिल हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर 25 अक्टूबर तक मरम्मत का आश्वासन दिया, जिसके बाद जाम खत्म हुआ। ग्रामीणों ने साफ कहा कि अब केवल आश्वासन नहीं, ठोस कार्रवाई चाहिए।

न्यायालय ने सड़क की बदहाली पर लिया संज्ञान

केशकाल (कोंडागांव)। एनएच-30 की बदहाली पर रोजाना हो रही शिकायतों को देखते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश किरण चतुर्वेदी ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। इससे पहले दो वरिष्ठ वकीलों की रिपोर्ट में भी राजमार्ग विभाग को लापरवाह ठहराया गया था। इधर, विधायक नीलकंठ टेकाम और प्रशासन केवल निरीक्षण और घोषणाओं तक सीमित हैं। केशकाल घाटी क्षेत्र में सड़क और पुल इतने जर्जर हैं कि यात्रा जोखिम भरी हो गई है। बस ऑपरेटरों का कहना है कि खराब सड़क से सफर बेहद मुश्किल हो गया है और यात्री इस मार्ग से बचने लगे हैं। कलेक्टर और विधायक के संयुक्त निरीक्षण के बाद भी मरम्मत कार्य अधूरा छोड़ दिया गया। स्थानीय लोग इसे जीवन का संकट बताते हुए तत्काल सुधार की मांग कर रहे हैं।

ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में लगने लगे स्मार्ट मीटर

जगदलपुर। विद्युत वितरण कंपनी ने अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू कर दिया है। इससे उपभोक्ता मोबाइल बैलेंस की तरह बिजली मीटर को रिचार्ज कर सकेंगे। बैलेंस खत्म होने से तीन दिन पहले मैसेज मिलेगा, ताकि उपभोक्ता समय पर रिचार्ज कर लें। बैलेंस खत्म होते ही बिजली आपूर्ति बंद हो जाएगी। कंपनी का कहना है कि इससे बकाया बिल की समस्या खत्म होगी और मीटर रीडिंग के लिए कर्मचारियों की जरूरत नहीं रहेगी। हालांकि वर्तमान में उपभोक्ताओं को एवरेज बिल थमाया जा रहा है और शहरी क्षेत्रों में लगाए गए मीटर भी पूरी तरह सक्रिय नहीं हुए हैं। नई व्यवस्था से बिजली आपूर्ति अधिक पारदर्शी और समयबद्ध होने की उम्मीद जताई जा रही है।