जगदलपुर। जगदलपुर नगर निगम शहर को स्वच्छता में इंदौर की तर्ज पर नंबर वन बनाने के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है. इस अभियान में अब केवल अपील नहीं, बल्कि निगरानी और सख्ती भी शामिल कर ली गई है.

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नगर निगम के साथ सृष्टि प्राइवेट लिमिटेड की टीम घर-घर जाकर कचरा पृथक्करण को आदत बनाने में जुटी है. पिछले दो महीनों से चिन्हित वार्डों में लगातार समझाइश दी जा रही है. नागरिकों से गीला-सूखा कचरा अलग रखने और दो डस्टबिन उपयोग करने की अपील की जा रही है. पहले चरण में 48 में से 14 वार्डों को मॉडल वार्ड बनाने का निर्णय लिया गया है.

मंगलवार को महापौर संजय पांडे ने वीर सावरकर और भैरमदेव वार्ड का निरीक्षण किया. निरीक्षण में अधिकांश घरों में कचरा पृथक्करण होता पाया गया. जिन घरों में नियमों का पालन नहीं हो रहा, उन्हें अंतिम चेतावनी दी गई. महापौर ने स्पष्ट किया कि लापरवाही पर चालानी कार्रवाई होगी. वीर सावरकर वार्ड में 472 में से 414 परिवारों द्वारा कचरा अलग-अलग देना बड़ी सफलता मानी जा रही है.

अधिकारों की याद दिलाने सड़क से प्रशासन तक आदिवासी आवाज

जगदलपुर। पेसा दिवस पर जगदलपुर में आदिवासी समाज ने एकजुटता और अधिकार चेतना का संदेश दिया. लालबाग मैदान में हुए आयोजन में हजारों आदिवासी, समाज प्रमुख और जनप्रतिनिधि शामिल हुए. कार्यक्रम का उद्देश्य पेसा कानून को कागजों से ज़मीन पर उतारने की मांग को मजबूती देना रहा.

आदिवासी समाज ने जल-जंगल-जमीन की रक्षा को लेकर सरकार से ठोस कार्रवाई की अपील की. कार्यक्रम के बाद सर्व आदिवासी समाज ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अपर कलेक्टर सीपी बघेल को ज्ञापन सौंपा. वक्ताओं ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत राज अधिनियम हटाकर पेसा कानून लागू किया जाए. संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने प्रचार-प्रसार की कमी को बड़ी चूक बताया. पूर्व विधायक राजाराम तोड़ेम ने ग्राम सभा को मजबूत करने पर ज़ोर दिया. कार्यक्रम में सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भी संकल्प लिया गया.

खरीदी तेज, लेकिन उठाव सुस्त, धान सूखने का खतरा

बीजापुर। जिले में धान खरीदी तो सुचारू रूप से चल रही है, लेकिन उठाव की धीमी रफ्तार चिंता बढ़ा रही है. जिले के 30 खरीदी केंद्रों में अब तक 2841 किसानों से 16043 मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है. जिला खाद्य अधिकारी रोजाना टोकन और भुगतान की समीक्षा कर रहे हैं.

हालांकि बड़ी समस्या धान उठाव को लेकर सामने आ रही है. जिले में केवल दो पंजीकृत मिलर ही सक्रिय हैं. अंतरजिला मिलरों के मार्च-अप्रैल में आने की संभावना है. ऐसे में खुले केंद्रों में रखे धान के सूखने का खतरा बढ़ गया है. खरीदी केंद्रों में सूखती मान्य नहीं है, जबकि संग्रहण केंद्रों में इसकी अनुमति है. अभी तक परिवहन आदेश जारी नहीं होने से स्थिति और जटिल हो गई है.

कड़ाके की ठंड में गश्त, जंगल बचाने में वन विभाग सख्त

बस्तर। बस्तर वनमंडल में वन भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. माचकोट परिक्षेत्र के आरएफ 1252 कक्ष में सुकमा जिले से आए 10 अतिक्रमणकारी जंगल काटकर खेती की तैयारी कर रहे थे. वन सुरक्षा समिति और कर्मचारियों ने कई दिनों की कड़ी निगरानी के बाद इन्हें रंगे हाथ पकड़ा.

फॉरेस्ट एसडीओ देवलाल दुग्गा ने बताया कि ठंड के बावजूद लगातार गश्त की गई. पूछताछ में आरोपियों ने अपराध स्वीकार किया. इनमें दो आरोपी अवयस्क हैं. सभी के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम और लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई. डीएफओ ने ग्राम सभाओं से वन अपराध रोकने के लिए प्रस्ताव पारित करने की अपील की है.

प्रेम प्रसंग में रिश्तों की हत्या, साजिश का खुलासा

कांकेर। जिले के फरसगांव में रिश्तों को झकझोर देने वाला दोहरा हत्याकांड सामने आया है. पुलिस ने पत्नी और तीन साल के बेटे की हत्या की गुत्थी सुलझा ली है. इस मामले में पति समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

जांच में सामने आया कि पति ने अपनी प्रेमिका और परिजनों के साथ मिलकर साजिश रची. मृतका भागवती सेठिया की शादी 2020 में रोहित सेठिया से हुई थी. भरण-पोषण आदेश के बाद आरोपी ने पत्नी को रास्ते से हटाने की योजना बनाई. 22 नवंबर को घुमाने का बहाना बनाकर पत्नी और बेटे को ले जाया गया. ओडिशा में हत्या कर शव इंद्रावती नदी में फेंक दिया गया. पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर पूरे गिरोह को पकड़ा.

जेम पोर्टल की आड़ में करोड़ों की संस्थागत लूट

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में जेम पोर्टल के नाम पर सुनियोजित भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा हुआ है. बिलासपुर, नारायणपुर और महासमुंद की संस्थाओं में बिना टेंडर करोड़ों की खरीदी की गई.

नियमों के अनुसार क्रय समिति और निविदा अनिवार्य थी, लेकिन प्रक्रिया को दरकिनार कर दिया गया. जांजगीर की तीन फर्मों को एक ही दिन में दर्जनों वर्क ऑर्डर जारी किए गए. सामान बाजार दर से कई गुना अधिक कीमत पर खरीदा गया. भुगतान भी तत्काल कर दिया गया. नारायणपुर कॉलेज में 22 वर्क ऑर्डर, बिलासपुर विवि में 26 से अधिक आदेश और महासमुंद कॉलेज में 36 वर्क ऑर्डर एक ही दिन में जारी किए गए. आरटीआई के जरिए पूरा मामला उजागर हुआ है. अब जांच की मांग तेज हो गई है.

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