Bastar News Update : समर्थन मूल्य पर होने वाली धान खरीदी की शुरूआत 15 नवंबर से होने वाली है. इससे पहले किसानों को पुराना पंजीयन कराने के साथ ही नए किसानों को नया पंजीयन कराने की सुविधा 31 अक्टूबर तक दी गई है. प्रदेश सरकार द्वारा दी गई समय सीमा के खत्म होने में अब 20 दिन का समय बचा हुआ है. इसके दिन पहले तक बस्तर संभाग में धान बेचने के लिए 11 अक्टूबर तक तीन हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन करा लिया है.

सहकारी समितियों के प्रबंधकों और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों की मानें तो इस साल करीब 10 हजार नए किसान धान बेचने के लिए पंजीयन कर सकते हैं. नए किसानों का पंजीयन शुरू कर दिया गया है. अब तक हुए नए पंजीयन में सबसे अधिक 577 किसान केवल बस्तर जिले के हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर 896 किसानों के साथ कांकेर जिला है. इसके बाद अन्य जिलो में नया पंजीयन कराने वाले किसानों की संख्या 100-500 है.

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों का मानना है कि इस साल बस्तर संभाग में करीब 2 लाख 95 हजार किसान धान बेच सकेंगे. बैंक के मुख्य पर्यवेक्षक एस ए रजा ने बताया कि शासन से मिले निर्देश के बाद पुराने किसानों के पंजीयन को कैरी फारवर्ड किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर नए किसानों का पंजीयन किया जा रहा है. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 15 नवंबर से प्रारंभ होने वाली है. फड़ों में साफ-सफाई शुरू हो गई है. धान की खरीदी के लिए बारदाने पहुंच रहे हैं. इसके अलावा पिछले वर्ष के बारदाने का उपयोग भी खरीदी के लिए किया जाएगा.

दंतेवाड़ा- छू लो आसमान… दंतेवाड़ा की 4 बेटियां एनआईटी में सलेक्ट, 7 के डॉक्टर बनने का सपना हुआ पूरा

जिला प्रशासन द्वारा संचालित छू लो आसमान कारली कोचिंग सेंटर की किरन उसारे का चयन एनआईटी रायपुर, रुद्राक्षी कश्यप, रंजना नेताम और जागृति कश्यप का चयन एनआईटी नागालैंड में हुआ है. प्रियंका ठाकुर का चयन जेईसी जगदलपुर (माइनिंग इंजीनियरिंग) में हुआ है.

इसके अतिरिक्त तिमेश्वरी नाग, आसमती मौर्य, खुशी मंडावी, गीतांजली तिवारी, सुषमा वेक, तंची हेमला का चयन शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज जगदलपुर में हुआ है. सानिया ठाकुर का चयन शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर, वहीं मनीषा यादव और काजल विश्वकर्मा का चयन शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज अम्बिकापुर में हुआ है.

छूलो आसमान कारली की छात्राओं ने नीट परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए चिकित्सा संस्थानों में प्रवेश पाया. रत्ना का चयन स्व. बलीराम कश्यप स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय जगदलपुर में हुआ है. आरती कोड़ोपी और सत्या साहनी का चयन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय महासमुंद में हुआ. जान्हवी मुड़ामी तथा दीपा मरकाम का चयन शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में हुआ है. अंजु सोरी का चयन शासकीय आयुर्वेद कॉलेज बिलासपुर और कल्पना नाग का चयन शासकीय आयुर्वेद कॉलेज रायपुर में हुआ है. केंद्र में जिले की छात्राओं को निशुल्क आवासीय सुविधा, गुणवत्तापूर्ण अकादमिक शिक्षा दी जाती है.

जगदलपुर-एटीसी टावर पर लगे एयरटेल एंटीना को हटाने की वार्डवासियों ने की मांग

अंबेडकर वार्ड के निवासियों ने अपने मोहल्ले में लगे एटीसी टावर पर लगे एयरटेल एंटीना को हटाने की मांग को लेकर कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त एवं थाना प्रभारी को लिखित शिकायत सौंपी है. वार्डवासियों का कहना है कि इस मोबाइल टावर से निकलने वाला रेडिएशन उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल रहा है.

वार्डवासियों ने राजस्व सभापति संग्राम सिंह राणा से मुलाकात कर टावर को हटाने की मांग की. राजस्व सभापति ने तुरंत इंडस टावर एवं एयरटेल कंपनी के प्रतिनिधियों से बात की और कहा कि मामले की रेडिएशन जांच कराई जाएगी तथा यह भी देखा जाएगा कि टावर वैध है या अवैध. उन्होंने कहा कि अगर जांच में गड़बड़ी पाई गई तो टावर को हटाने की कार्रवाई की जाएगी.

निवासियों का कहना है कि टावर से निकलने वाले रेडिएशन के कारण आसपास के लोग अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं और पक्षियों की मृत्यु तक हो रही है. यह एक गंभीर स्वास्थ्य संबंधी मुद्दा है, इसलिए टावर को हटाकर अन्य उपयुक्त स्थान पर लगाया जाना चाहिए.

दंतेवाड़ा- आदिवासी विकास शाखा में कर्मचारियों के नाम पर निकाले लाखों रुपए

आदिवासी विकास शाखा में मरम्मत के कार्यों में ठेकेदार के साथ कुछ अधीक्षक और कर्मचारी भी लाल हुए हैं. सबसे बड़ी गड़बड़ी बीते 6 महीने में की गई है. इस वक्त सहायक आयुक्त आनंद सिंह के तबादले के बाद नए सहायक आयुक्त की पोस्टिंग दंतेवाड़ा में हुई थी. करोड़ों की बंदरबांट में विभाग के अधीक्षक और मंडल संयोजक ने भी हाथ आजमाया और इनके नाम से भी लाखों का आहरण किया गया.

दंतेवाड़ा के तात्कालिक मंडल संयोजक गनपत पटेल कन्या छात्रावास एसटी विद्युत मरम्मत के नाम पर 2.35 लाख तो प्रीमेट्रिक बालक छात्रावास के नाम पर 2.29 लाख का भुगतान का आहरण किया गया है. मुख्यमंत्री के भोजन व्यवस्था में कर्मचारी के 3 लाख खर्च किए, कार्यालय सामग्री 1. 67 लाख, कन्या परिसर पातररास में विद्युत मरम्मत 1 लाख 98 हजार खर्च किए विभाग के कर्मचारी ने जबकि रजिस्टर्ड फर्म से यह सब काम करवाए जाने थे.

विभाग ने शिवा इनफा के द्वारा कन्या आश्रम समेली, कन्या आश्रम बड़े तुमनार में भवन मरम्मत का कार्य 9 लाख 80 हजार में किया गया है. बालाजी ट्रेडर्स के द्वारा भी करीब 5 लाख का मरम्मत का कार्य किया गया है. विभाग के कर्मचारी गनपत पटेल ने कहा कलेक्टर के कहने पर चुनाव के दौरान 2 आश्रमों में विद्युत कार्य करवाया था, उसी का भुगतान मिला है.

सुकमा- प्राकृतिक आपदा राहत में वसूली, आदिवासी समाज ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

सुकमा प्राकृतिक आपदा में मृतक परिवारों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता अनुदान राशि के प्रकरण में छिंदगढ़ ब्लॉक में बड़े पैमाने पर वसूली की शिकायत सामने आई है. आरोप है कि तहसीलदार और थाना प्रभारी अपने पद का दुरुपयोग कर पीड़ित परिवारों से अवैध राशि वसूल रहे हैं. पीड़ित परिवारों ने बताया कि शासन द्वारा प्राकृतिक आपदा में मौत पर 4 लाख रुपए कीआर्थिक मदद प्रदान की जाती है, लेकिन छिंदगढ़ तहसीलदार प्रत्येक प्रकरण में 20 हजार से 50 हजार रुपए और थाना प्रभारी 35 हजार रुपए तक वसूली करते हैं.

जनहानि मुआवजा एवं जमीन पट्टा सबका रेट तय

सर्व आदिवासी समाज ने बताया कि ग्रामीणों से अतिरिक्त पैसे वसूले जाते हैं. इससे जमीन पट्टा, नामांतरण, जाति-निवास प्रमाण-पत्र, मुआवजा आदि कार्यों में भी बाधा आती है. समाज ने आरोप लगाया कि इस अवैध वसूली में तहसीलदार छिंदगढ़, थाना प्रभारी तोंगपाल और गादीरास शामिल हैं. इसके अलावा तहसील कार्यालय के लिपिक नीतिन जामनिक और गोरली पटवारी कुमारी तिरपति राणा शामिल हैं.

कोंडागांव -युवाओं ने चंदा जुटाकर खुद कर डाली सड़क की मरम्मत

जिला के विकासखंड माकडी अन्तर्गत ग्राम पंचायत मगेदा के युवाओं ने समाज सेवा की मिसाल पेश करते हुए गांव की जर्जर सड़क को अपने निजी खर्च और ग्रामीणों से जुटाए चंदे से दुरुस्त कर दिया है. पहले इस सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढों के कारण बच्चों और बुजुर्गों को काफी परेशानी होती थी. युवाओं की इस पहल से गांव को बड़ी राहत मिली है. शासन को अब जल्द ही इसका डामरीकरण कार्य करवाना चाहिए.” ग्राम पंचायत के इस कार्य की चारों ओर सराहना हो रही है.दूसरी पंचायतें भी इसे एक अनुकरणीय उदाहरण के रूप में देख रहे है.

20 साल पहले बनाई गयी गम्हरी से मगेंदा तक लगभग 5 किमी लंबी सड़क बीते कई वर्षों से खराब हालत में थी. सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे बन गए थे और पुल का हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो चुका था. बारिश के दिनों में कीचड़ और गड्ढों से होकर गुजरना ग्रामीणों के लिए बेहद मुश्किल हो गया था.