Bastar News Update: जगदलपुर। शहर में अवैध कब्जाधारियों और नजूल भूमि पर बने घरों व व्यवसायिक दुकानों की पहचान अब डिजिटल तरीके से की जाएगी. इसके लिए नक्शा प्रोजेक्ट अंतर्गत पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम नगर निगम में शुरू किया गया है. प्रशिक्षण के बाद शहर में ड्रोन के माध्यम से सर्वे किया जाएगा. इस सर्वे से यह स्पष्ट होगा कि कौन से घर अवैध रूप से बने हैं और कौन-सा निर्माण शासकीय भूमि पर हुआ है.

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महापौर संजय पांडे ने बताया कि छत्तीसगढ़ में जगदलपुर, सरगुजा और धमतरी को ड्रोन सर्वे के लिए चुना गया है. यह काम सर्वे ऑफ इंडिया की योजना के तहत किया जा रहा है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटलकरण की पहल से जोड़ा गया है. राजस्व सभापति संग्राम सिंह राणा ने कहा कि शहर में रिएसेसमेंट के माध्यम से नगर निगम के कर्मचारी सर्वे कार्य कर रहे हैं. ड्रोन सर्वे से नजूल भूमि पर कब्जाधारियों की सही संख्या, मकानों की लंबाई-चौड़ाई और जमीन की वास्तविक स्थिति साफ हो जाएगी.

प्रशिक्षण में राजस्व अधिकारी, निगम अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे. पाँच दिन के प्रशिक्षण के बाद शहर के 48 वार्डों में ड्रोन सर्वे शुरू किया जाएगा. इस प्रक्रिया से नगर निगम को शासकीय, निगम, व्यावसायिक और निजी भूमि धारकों की सटीक जानकारी मिल सकेगी.

बारिश ने शहर और गांव की रफ्तार रोकी

जगदलपुर। बस्तर जिले में लगातार हो रही बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं. लोगों का कहना है कि हर साल बारिश में यही हालात होते हैं, लेकिन स्थायी समाधान कभी नहीं खोजा जाता. प्रशासन की ओर से राहत और मरम्मत कार्य का दावा जरूर किया गया है, लेकिन ज़मीनी हालात अब भी जस के तस हैं.

महज 66.7 मिमी बारिश ने शहर की सड़कें तालाब में बदल दीं. बच्चों को स्कूल जाना मुश्किल हो गया, तो मजदूरों को काम पर पहुंचने में दिक्कतें आईं. ग्रामीण इलाकों में तो और भी गंभीर हालात हैं, कई गांवों का संपर्क टूटा हुआ है. पुल-पुलिया पहली ही बारिश में बह गए, जिससे लोग जान जोखिम में डालकर नदी-नालों को पार करने को मजबूर हैं. सड़कें कीचड़ और गड्ढों से भर गई हैं, जिससे वाहन चालकों की परेशानी बढ़ गई है.

कचरे में घुल रहा पॉलिथीन का ज़हर

जगदलपुर। शहर में रोजाना निकलने वाले करीब 8 टन कचरे में लगभग 50 किलो पॉलिथीन मिल रहा है. सरकार की रोक के बावजूद पॉलिथीन का इस्तेमाल धड़ल्ले से जारी है. यह नालियों को जाम कर रहा है, जिससे गंदगी और बदबू पूरे शहर में फैल रही है.

बरसात में तो हालत और भी बदतर हो जाते हैं क्योंकि नालियों का पानी सड़कों पर बहने लगता है. यही पॉलिथीन जलाने पर जहरीला धुआं फैलाता है, जो लोगों की सेहत पर असर डाल रहा है. सफाईकर्मी भी इसे सबसे बड़ी समस्या मान रहे हैं. नगर निगम ने कई बार छापेमारी की, लेकिन नतीजा ज्यादा नहीं निकला. सवाल यह है कि जब पॉलिथीन पर कानूनी रोक है तो इसका इस्तेमाल आखिर कैसे हो रहा है.

नक्सली बदले रणनीति – आईईडी से हमला

जगदलपुर। बस्तर में नक्सलियों ने अपनी रणनीति बदल दी है. अब वे सुरक्षा बलों से आमने-सामने भिड़ने से बच रहे हैं, और आईईडी विस्फोट को हथियार बना लिया है.

हाल ही में भोपालपटनम के टेटरू घाटी में आईईडी ब्लास्ट में एक डीआरजी जवान शहीद हो गया और तीन अन्य घायल हो गए. सुरक्षा बलों के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि जंगलों और पगडंडियों में छिपे हुए बमों को पहचानना बेहद मुश्किल होता है. आईईडी धमाकों से न केवल जवानों की जान जा रही है, बल्कि कई बार ग्रामीण भी इसकी चपेट में आ जाते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह नक्सलियों की कायराना हरकत है, जो उनकी कमज़ोरी को दर्शाती है.

एनएचएम कर्मियों की हड़ताल से चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था

कांकेर। जिले समेत पूरे प्रदेश में एनएचएम कर्मचारियों ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. इस हड़ताल का असर सीधे स्वास्थ्य सेवाओं पर दिख रहा है. कई उप स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंद रहे. टीकाकरण अभियान प्रभावित हुआ और गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

ग्रामीण इलाकों से खबरें आई हैं कि मरीजों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी कई किलोमीटर दूर जिला अस्पताल का रुख करना पड़ रहा है. कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे. वहीं, स्वास्थ्य विभाग दावा कर रहा है कि वैकल्पिक व्यवस्था की गई है, लेकिन जमीनी हालात बताते हैं कि सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हैं.

नशामुक्ति अभियान में गूंजा संदेश

दंतेवाड़ा। जिले के करली इलाके में नशामुक्ति अभियान के तहत एक बड़ी रैली निकाली गई. इसमें स्कूली बच्चों, युवाओं और सामाजिक संगठनों ने हिस्सा लिया. हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर लोग सड़क पर उतरे और शराब, गुटखा, ड्रग्स जैसी बुराइयों से समाज को बचाने का संदेश दिया.

बच्चों ने शपथ ली कि वे खुद नशे से दूर रहेंगे और दूसरों को भी इससे दूर रहने की प्रेरणा देंगे. इस रैली में महिलाओं की भी भागीदारी रही, जिन्होंने कहा कि नशे की वजह से घर-परिवार बर्बाद हो रहे हैं. प्रशासन ने भी इस पहल की सराहना की और आगे भी ऐसे अभियान जारी रखने की बात कही.

आधार कार्ड न होने से वंचित लोग

बीजापुर. जिले में बड़ी संख्या में ऐसे लोग सामने आए हैं जिनके पास आधार कार्ड नहीं है. इसकी वजह से वे सरकारी राशन योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे. मजबूरी में ग्रामीणों को महुआ के बदले चावल लेना पड़ रहा है.

यह हालात इस बात को दर्शाते हैं कि सरकारी योजनाएं पूरी तरह से ज़मीन तक नहीं पहुंच पाई हैं. कई आदिवासी इलाकों में अब भी लोगों का नाम आधार कार्ड से जुड़ा नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि वे कई बार आवेदन कर चुके हैं, लेकिन प्रक्रिया पूरी नहीं हो रही. इस वजह से उन्हें रोजमर्रा की जिंदगी में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

दिल्ली में सम्मानित हुईं लखपति दीदियां

कोंडागांव। जिले की दो महिलाएं दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित की गईं. ये महिलाएं स्व-सहायता समूह से जुड़कर लखपति दीदियों के रूप में पहचान बना चुकी हैं. उन्होंने अपने हुनर और मेहनत से लाखों की आय की है और दूसरों के लिए प्रेरणा बनी हैं. सम्मान समारोह में देशभर से आई महिलाओं के बीच कोंडागांव की दीदियों ने अपनी खास पहचान बनाई. प्रशासन ने भी इनके कार्यों को सराहा और कहा कि ऐसे समूह आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव हैं.

योग और स्वदेशी का संकल्प

नारायणपुर। जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में सभी गांवों तक योग और स्वदेशी उत्पाद पहुंचाने का संकल्प लिया गया. ग्रामीणों ने तय किया कि वे विदेशी सामान की बजाय स्थानीय और स्वदेशी उत्पादों को अपनाएंगे. साथ ही योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाएंगे. यह कार्यक्रम युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक में उत्साह का केंद्र रहा. आयोजकों का कहना है कि इस संकल्प से ग्रामीण जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा.