नारायणपुर। अबूझमाड़ के अंदरूनी इलाके में स्थापित कोड़नार सुरक्षा कैंप से एक चिंताजनक खबर सामने आई है. गुरुवार सुबह ड्यूटी पर तैनात एक जवान ने अपनी सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली. गोली की आवाज सुनकर साथी जवान मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. मृतक जवान कांकेर जिले के पिंगल जूरी गांव का निवासी बताया जा रहा है. गोली सिर के दाहिने हिस्से, कनपटी में लगी थी. यह कैंप 19 दिसंबर को सुरक्षा और विकास कार्यों को गति देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था.

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नारायणपुर जिले में यह एक सप्ताह के भीतर जवानों की आत्महत्या का दूसरा मामला है. इससे पहले होरादी कैंप में सचिन कुमार नामक जवान ने खुदकुशी की थी. सचिन मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के रहने वाले थे. लगातार हो रही घटनाओं ने सुरक्षा बलों में मानसिक तनाव की गंभीर तस्वीर पेश की है.

प्रदेश में इस साल अब तक करीब 16 जवान आत्महत्या कर चुके हैं. हालांकि सरकार की ओर से स्पंदन अभियान चलाया जा रहा है. कैंपों में योग, ध्यान, खेल और मनोवैज्ञानिक सत्र आयोजित किए जाते हैं. इसके बावजूद ऐसी घटनाएं सवाल खड़े कर रही हैं. मानसिक स्वास्थ्य को लेकर और ठोस कदम उठाने की जरूरत महसूस की जा रही है.

जनगणना 2027 की तैयारी, जमीनी स्तर पर सटीकता पर जोर

कोंडागांव। आगामी जनगणना वर्ष 2027 को लेकर प्रशासन ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं. कोंडागांव जिला कार्यालय के सभाकक्ष में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में ग्रामों की भौगोलिक सीमा और स्थिति की जियो-रिफ्रेशिंग पर फोकस किया गया.

अपर कलेक्टर चित्रकांत चाली ठाकुर ने प्रशिक्षण की निगरानी की. जनगणना निदेशालय रायपुर से नियुक्त नोडल अधिकारी संतोष मेंढे ने दिशा-निर्देश दिए. अधिकारियों को डिजिटल मैपिंग की बारीकियां समझाई गईं. बताया गया कि इस बार जनगणना पूरी तरह तकनीक आधारित होगी. जमीनी हकीकत और रिकॉर्ड में किसी भी तरह का अंतर न रहे, इस पर जोर दिया गया. ग्राम सीमाओं की सटीक पहचान को प्राथमिकता दी जा रही है.

प्रशिक्षण में राजस्व और पंचायत अमले ने भाग लिया. अधिकारियों से कहा गया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो. जनगणना के आंकड़े ही भविष्य की योजनाओं का आधार बनते हैं. इसी वजह से शासन पहले ही चरण में तैयारी कर रहा है. कार्यक्रम को लेकर अधिकारियों में गंभीरता देखी गई. प्रशासन इसे एक अहम जिम्मेदारी मानकर आगे बढ़ रहा है.

सागौन से रोशनी तक, इतिहास में दर्ज भोपालपटनम की विरासत

बीजापुर। भोपालपटनम की पहचान कभी सागौन की संपन्न जमीदारी से हुआ करती थी. ब्रिटिश काल में यहां का सागौन इंग्लैंड तक निर्यात किया जाता था. यह जमीदारी की आय का सबसे बड़ा स्रोत था. सागौन की कमाई से वर्ष 1929 में बस्तर रियासत के लिए पांच जनरेटर खरीदे गए. इसी से जगदलपुर और भोपालपटनम में पहली बार बिजली पहुंची. इंद्रावती नदी के किनारे पावर हाउस का निर्माण किया गया. इसके फर्श में सागौन और साल की मजबूत चिरान बिछाई गई थी.

21 फरवरी 1929 को इसका उद्घाटन हुआ था. महारानी प्रफुल्ल कुमारी देवी और ब्रिटिश प्रशासक डब्ल्यू. वी. ग्रीगसन मौजूद थे. चार जनरेटर जगदलपुर में और एक भोपालपटनम में लगाया गया. दिन में सीमित घरों को और रात में पूरे शहर को बिजली मिलती थी. साल के खंभों से बिजली घरों तक पहुंचाई जाती थी. जगदलपुर के बाद भोपालपटनम दूसरा विद्युतीकृत कस्बा था. यह कहानी विकास की शुरुआती रोशनी की गवाह है. आज भी यह विरासत इतिहास में दर्ज है.

सड़क सुरक्षा पर सख्ती, नियम तोड़ने वालों पर कड़ा शिकंजा

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में बड़े फैसले लिए गए हैं. सड़क दुर्घटनाओं को रोकने पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. अब घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले राहवीरों को 25 हजार रुपए का इनाम मिलेगा. उन्हें गणतंत्र दिवस जैसे विशेष अवसरों पर सम्मानित भी किया जाएगा.

सड़क पर सुरक्षा के लिहाज से दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट अनिवार्य किया गया है. चार पहिया वाहनों में सीट बेल्ट न लगाने पर सख्त कार्रवाई होगी. मालवाहक वाहनों में यात्रियों को ढोने पर पूरी तरह रोक लगाई गई है. राष्ट्रीय राजमार्गों पर गति नियंत्रण के निर्देश दिए गए हैं. 22 पेट्रोलिंग टीम गठित की गई हैं. ये टीमें 50 किलोमीटर तक रोड क्लीयरेंस करेंगी. आवारा पशुओं को हटाने के लिए 113 काउ कैचर टीम बनाई गई हैं. ब्लैक स्पॉट पर विशेष निगरानी रखी जाएगी. पुलिस और अस्पतालों से डेटा लेकर हर दुर्घटना की समीक्षा होगी. सरकार का लक्ष्य हादसों में कमी लाना है. अब नियम तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.

धान खरीदी में अव्यवस्था से बढ़ी किसानों में चिंता

कोंडागांव। धान खरीदी को सरकार महापर्व बता रही है, लेकिन हकीकत अलग नजर आ रही है. कोंडागांव जिले के कई खरीदी केंद्रों पर हालात चिंताजनक बने हुए हैं. दिसंबर खत्म होने को है, लेकिन धान का उठाव लगभग ठप है. गोदाम भर चुके हैं, और किसानों के लिए जगह नहीं बची.

बोरगांव केंद्र की स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर है. यहां 50 हजार क्विंटल का लक्ष्य तय किया गया था. अब तक 20 हजार क्विंटल धान खरीदा जा चुका है. हैरानी की बात यह है कि एक क्विंटल का भी उठाव नहीं हुआ. किसान खुले में पाला लगाकर धान रखने को मजबूर हैं. बारिश, चोरी और मवेशियों से नुकसान का खतरा बना हुआ है.

किसान संगठनों ने मिलरों पर सख्ती की मांग की है. जिला खाद्य अधिकारी ने जल्द उठाव शुरू होने का दावा किया है. 10 मिलरों से अनुबंध होने की बात कही गई है. अतिरिक्त संग्रहण केंद्र का प्रस्ताव भेजा गया है. अगर जल्द सुधार नहीं हुआ, तो व्यवस्था चरमरा सकती है.

खेल के जरिए युवाओं को संवारने का मंच

जगदलपुर। धरमपुरा स्थित क्रीड़ा परिसर में सांसद खेल महोत्सव का भव्य समापन हुआ. कार्यक्रम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित किया गया. मुख्य अतिथि बस्तर सांसद महेश कश्यप रहे. उन्होंने विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया.

सांसद ने युवाओं को राष्ट्र निर्माण से जुड़ने का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि खेल युवाओं के भविष्य को दिशा देता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेल और युवाओं को बढ़ावा दे रहे हैं. अटल बिहारी वाजपेयी के सपनों को आगे बढ़ाया जा रहा है. छत्तीसगढ़ निर्माण से लेकर सुशासन तक अटल का योगदान याद किया गया. कार्यक्रम में कलेक्टर, जिपं सीईओ सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.

खेल प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों की बड़ी संख्या उपस्थित रही. सांसद ने क्रिकेट और फुटबॉल प्रतियोगिता की घोषणा की. महोत्सव का उद्देश्य प्रतिभाओं को तलाशना है. सुदूर अंचलों के खिलाड़ियों को मंच देना लक्ष्य है. युवाओं में जोश और उत्साह साफ नजर आया.

अनफिट बसें दौड़ रहीं, सिस्टम पर सवाल

दंतेवाड़ा। जिले में परिवहन व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. सुकमा से दंतेवाड़ा के बीच एक अनफिट बस खुलेआम दौड़ रही है. हर्ष ट्रेवल्स की इस बस में दरवाजे की जगह रस्सी बंधी है. पैरदान टूटा हुआ है और खिड़कियों में कांच नहीं है. इसके बावजूद रोज यात्रियों को ढोया जा रहा है. सबसे बड़ा सवाल फिटनेस सर्टिफिकेट को लेकर है. दो जिलों के आरटीओ और पुलिस की नजर इस पर नहीं पड़ी. सुकमा से दंतेवाड़ा तक चार थाने पड़ते हैं. कहीं भी बस की जांच नहीं की गई. यात्रियों की जान जोखिम में डाली जा रही है. दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. क्या मिलीभगत से बस चल रही है? यह जांच का विषय है. अब कार्रवाई की मांग तेज हो गई है.

डाक विभाग में रिश्वतखोरी का पर्दाफाश

बीजापुर। बीजापुर जिले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है. डाक विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है. तीन कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया. उप संभागीय निरीक्षक शास्त्री कुमार पैंकरा पकड़े गए. डाक अधिदर्शक मालोथ शोभन भी गिरफ्त में आए. इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मचा है.

ग्रामीण डाक सेवक संतोष एंड्रिक को भी पकड़ा गया. करीब 3 हजार रुपये की रिश्वत बरामद की गई. सूत्रों के मुताबिक तबादलों के बदले 15 हजार मांगे जा रहे थे. 31 कर्मचारियों के तबादले में घूस की मांग हुई थी. कुछ कर्मचारियों ने सीबीआई से शिकायत की. 6 सदस्यीय टीम बीजापुर पहुंची. होटल में जाल बिछाकर कार्रवाई की गई. अब तीनों को स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा.

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