Bastar News Update: दंतेवाड़ा. बीजापुर में 2020-21 से इंद्रावती नदी में बेदरे में बन रहे 930 मीटर लंबे अधूरे पुल को बनाने फिर से टेंडर हुआ है. पूर्व में अशोक मित्तल द्वारा इस पुल का टेंडर लिया गया था, 8 पिलर बनाने के बाद काम रुक गया था. ठेकेदार के सुपरवाइजर और एक अन्य कर्मचारी को नक्सलियों ने अगवा कर लिया था, एक हफ्ते में इनको नक्सलियों ने काम बंद करने की चेतावनी के साथ छोड़ दिया था, जिसके बाद से इस पुल का काम बंद पड़ा है. अब इस पुल के काम को पूरा करने की कवायद फिर से शुरू हो गई है, फिर से टेंडर जारी किया गया है और प्रक्रिया चल रही है.

इस पुल के निर्माण के लिए इंद्रावती नदी के किनारे ही जवानों का कैंप स्थापित किया गया है. पहले इस पुल की लागत 42 करोड़ थी अब इसकी लागत घटकर 28 करोड़ हो गई है. ब्रिज कार्पोरेशन द्वारा टेंडर जारी किया गया था पुल के 8 पिलर बनकर तैयार हो चुके हैं इसलिए इसकी लागत अब कम हो गई है.

बीजापुर को नागपुर से जोड़ेगा ये पुल

छत्तीसगढ़ से महाराष्ट्र को जोड़ने पुल अब सुरक्षा बलों की तैनाती में बेदरे में पुल बनकर तैयार होगा. बीनापुर जिला मुख्यालय से करीब 55 किमी दूर बेदरे में बीजापुर से महाराष्ट्र के नागपुर को जोड़ने पुल बनाया जा रहा है, इस पुल पर 38 कॉलम खड़े किये जाने हैं. लेकिन नक्सल गतिविधि के चलते महज 8 कॉलम ही यहां खड़े हो पाए हैं. कार्य की समयावधि भी समाप्त हो चुकी है जिसके बाद फिर से टेंडर किया गया है. इस पुल के निर्माण से जहां बीजापुर से सीधे महाराष्ट्र जुड़ जाएगा वहीं, बीजापुर जिले के नदी पार की पंचायतें भी जुड़ेंगी.

विकास को मिलेगी गति 50 गांव को सीधा लाभ

इलाके में विकास की गति को रफ्तार देने के लिए अब इस अधूरे पुल को पूरा करने फिर से टेंडर किया गया है. बीजापुर जिले से नागपुर को जोड़ने के लिए नदी पर पुल बनाया जाएगा. यह पुल बेदरे इलाके में बनाया जा रहा है. इस पुल की लागत 42 करोड़ रुपये पहले थी अब 28 करोड़ हो गई है अंतरराज्यीय पुल विकास की कवायद को तेज करने में मददगार साबित होगा.

पति पहले से शादीशुदा था युवती ने फांसी लगा दी जान

शहर सीमा से सटे परपा इलाके में शनिवार-रविवार की दरमियानी रात एक युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लो है. इस मामले में परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं. युक्ती की लाश मृतका खुशबू बरामद करने के बाद मौर्य तनाव की आशंका के चलते पीएम रूम से लेकर मृतका के घर के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. पुलिस अफसरों ने बताया कि 23 साल की खुशबू मौर्य मूलतः सुकमा जिले के कुकानार की रहने वाली थी कुछ समय पहले उसकी और जॉन कश्यप की पहचान हुई थी. दोनों की पहचान प्यार में बदल गई और दोनों ने शादी कर ली. इसके बाद परपा इलाके के बिरिंगपाल में एक पुलिसकर्मी का मकान में किराया लेकर रहने लगे. चूंकि दोनों ने प्रेम विवाह किया था ऐसे में खुशबू के घर वाले इससे नाराज थे और इनके बीच कोई विशेष संपर्क भी नहीं था.

रक्षाबंधन वाले दिन जॉन अपने दोस्तों के साथ घर पर आया था. इस दौरान खुशबू ने जॉन के मित्र को राखी बांधी. इसके बाद दोनों के बीच में विवाद हो गया बताया जा रहा है कि जॉन के पहले से शादीशुदा होने के मामले को लेकर ही इनके बीच विवाद हुआ था. परिजनों का आरोप है कि जय इनके बीच विवाद हो रहा था तो खुशबू ने उन्हें फोन किया था. खुशबू की मां ने दावा किया कि जिस दौरान इनके बीच विवाद हो रहा था तब जॉन ने उनकी बेटी से मारपीट भी की है उन्होंने दावा किया कि मारपीट के दौरान ही खुशबू ने उन्हें फोन किया था और बताया कि उसके साथ मारपीट की जा रही है. मां ने उससे उसके घर का पता भी पूछा फिर फोन कट गया.

पति घर पहुंचा तो फंदे पर लटकी मिली खुशबू

इधर पुलिस को पहली जांच में जो जानकारी मिली है उसके अनुसार जॉन अपने दोस्तों के साथ पर पहुंचा था. इसके बाद खुशबू ने उसके दोस्त को राखी बांधी. राखी बंधवाने के बाद जॉन और उसके दोस्त वहां से चले गए. इस बीच खुशबू और जॉन के बीच फोन पर बात हुई और विवाद शुरू हो गया. इसके बाद खुशबू का फोन कट गया और जॉन बार-बार उसे फोन करने लगा लेकिन फोन ही रिसीव नहीं हुआ. फोन रिसीव नहीं होने पर उसे अनहोनी का शक हुआ और वह बिरिंगपाल वाले मधान पहुंचा तो वहां खुशबू फंदे पर लटकी मिली.

भाषा और संस्कृति के संगम से मजबूत होगी देश की एकता

चित्रकोट में आयोजित कन्नड़ा-छत्तीसगढ़ी संगमा में वक्ताओं ने कहा कि देश की अखंडता और एकता बनाए रखने के लिए हमें एक-दूसरे की भाषा, संस्कृति और विरासत को समझना और सम्मान देना होगा. कार्यक्रम की शुरुआत चित्रकोट जलप्रपात पर धार्मिक अनुष्ठान और चार नदियों के जल संगम से हुई. इसके बाद तीन सत्रों में विशेषज्ञों, कलाकारों और पत्रकारों ने भाषा, इतिहास, संस्कृति और मीडिया की भूमिका पर विचार साझा किए.

विंग कमांडर बीएस सुदर्शन ने कर्नाटक में बनने वाले आधुनिक युद्धास्त्रों और ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी, जबकि प्रो. उदयनाथ बिरजे ने एआई के सकारात्मक उपयोग पर जोर दिया. बस्तर राजपरिवार के कमलचंद्र भंजदेव ने दशहरा और गोंचा पर्व की सांस्कृतिक महत्ता बताई, वहीं मैसूर राजपरिवार के कृष्ण देवराया ने विरासत को संरक्षित करने का आह्वान किया. कार्यक्रम में कन्नड़ गायिका पद्मिनी ओक के गीत, छत्तीसगढ़ी फिल्म बलि का टीज़र लॉन्च और यक्षगान की प्रस्तुति भी हुई.

धान की रिकॉर्ड पैदावार, किसान बना प्रेरणा स्रोत

बस्तर जिले के एक प्रगतिशील किसान ने धान की खेती में नई मिसाल कायम की है. उन्होंने पारंपरिक पद्धति की जगह वर्मी मैट्रिक्स ग्रीड तकनीक अपनाई, जिसमें जैविक खाद, नियंत्रित सिंचाई और पौधों की सही दूरी पर रोपाई जैसे वैज्ञानिक तरीके शामिल हैं. इससे मिट्टी की उर्वरता में सुधार हुआ और फसल पर कीटों का प्रकोप भी कम हो गया. इस साल उन्होंने प्रति हेक्टेयर 106 क्विंटल तक की रिकॉर्ड उपज हासिल की, जो जिले के औसत उत्पादन से कहीं अधिक है. किसान का कहना है कि इस पद्धति में रासायनिक खादों की तुलना में लागत कम आती है और उत्पादन भी बढ़ता है. कृषि विभाग ने इस उपलब्धि को उदाहरण मानते हुए अन्य किसानों को भी यह तकनीक अपनाने की सलाह दी है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जिले में बड़े पैमाने पर यह पद्धति अपनाई जाए, तो बस्तर प्रदेश के शीर्ष धान उत्पादक जिलों में शामिल हो सकता है और किसानों की आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि होगी.

स्वदेशी अपनाने का संदेश, सैकड़ों बाइकों की रैली

स्वदेशी जागरण मंच के बैनर तले शहर में एक भव्य बाइक रैली का आयोजन हुआ. रैली में युवाओं, व्यापारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. प्रतिभागियों ने तिरंगा लहराते हुए ‘देशी अपनाओ देश बचाओ’ जैसे नारे लगाए. रैली के दौरान वक्ताओं ने कहा कि विदेशी उत्पादों के बजाय स्थानीय निर्मित वस्तुओं का उपयोग करने से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और छोटे कारीगरों, उद्योगपतियों को लाभ होगा. आयोजकों ने यह भी बताया कि स्वदेशी आंदोलन केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक है. इस रैली का उद्देश्य युवाओं को इस सोच से जोड़ना और उपभोक्ताओं की आदतों में सकारात्मक बदलाव लाना है.

दशहरा रथ परिक्रमा मार्ग पर भूमिगत बिजली व्यवस्था

बस्तर दशहरा की ऐतिहासिक परंपरा को ध्यान में रखते हुए रथ परिक्रमा मार्ग पर 7.16 करोड़ रुपये की लागत से भूमिगत बिजली केबल बिछाई जा रही है. यह काम 2 किमी के दायरे में होगा और तारों को पाइपलाइन में डाला जाएगा. अधिकारियों का कहना है कि इससे दशहरा के दौरान बिजली बाधित होने या तार टूटने की समस्या नहीं होगी, साथ ही सड़क की सुंदरता भी बनी रहेगी. यह परियोजना शहर की आधारभूत संरचना को भी मजबूत करेगी और बिजली आपूर्ति की सुरक्षा को बढ़ाएगी. व्यापारियों और आयोजन समिति के सदस्यों ने इसे एक सकारात्मक कदम बताया, जिससे दशहरा के दौरान हजारों श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित होगी.

भूतेश्वर महादेव में विशाल महाभंडारा

श्रावण सोमवार पर भूतेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. भक्तों ने जलाभिषेक, पूजन और आरती कर आशीर्वाद प्राप्त किया. दोपहर बाद मंदिर परिसर में भव्य महाभंडारा आयोजित हुआ जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया. आयोजन समिति ने बताया कि यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और हर साल इसमें दूर-दूर से लोग शामिल होते हैं. स्थानीय लोगों ने इसे धार्मिक आस्था और सामाजिक एकता का प्रतीक बताया. कार्यक्रम में सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल भी तैनात रहा.

51 श्रद्धालुओं ने अयोध्या में रामलला के किए दर्शन

स्थानीय धार्मिक समिति के नेतृत्व में 51 श्रद्धालुओं का जत्था अयोध्या धाम पहुंचा. यहां उन्होंने रामलला के दर्शन किए और श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अर्चना की. यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने अयोध्या के अन्य धार्मिक स्थलों का भी भ्रमण किया और वहां की ऐतिहासिकता को करीब से जाना. श्रद्धालुओं ने इस यात्रा को जीवन का अविस्मरणीय अनुभव बताया और कहा कि रामलला के दर्शन ने उनकी आस्था को और प्रगाढ़ कर दिया.

130 से ज्यादा खिलाड़ियों ने फुटबॉल ट्रायल में लिया हिस्सा

स्थानीय खेल मैदान में आयोजित फुटबॉल ट्रायल में जिले के विभिन्न हिस्सों से 130 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया. खिलाड़ियों ने अपनी तकनीकी क्षमता, गति और टीमवर्क का प्रदर्शन किया. ट्रायल के बाद एक खिलाड़ी का चयन राष्ट्रीय स्तर के लिए किया गया, जिसे लेकर पूरे इलाके में उत्साह है. आयोजकों ने बताया कि यहां खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं, जरूरत है सही प्रशिक्षण और अवसर की. खेल विभाग ने कहा कि चयनित खिलाड़ी को आगे की प्रतियोगिताओं के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा.

बैडमिंटन में बस्तर के 6 खिलाड़ी मेन ड्रॉ में

राज्य स्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिता में बस्तर के छह खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर मेन ड्रॉ में जगह बनाई. खिलाड़ियों के प्रशिक्षकों का कहना है कि यह उपलब्धि लगातार मेहनत, बेहतर कोचिंग और खेल के प्रति समर्पण का परिणाम है. खेल प्रेमियों का मानना है कि उचित सुविधाएं और समर्थन मिलने पर ये खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सफलता हासिल कर सकते हैं.

आदिवासी बोली और संस्कृति के संरक्षण पर जोर

विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर माईडोंग गांव में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि आदिवासी भाषाएं और परंपराएं ही उनकी पहचान की आत्मा हैं. अगर इनका संरक्षण नहीं किया गया तो आने वाली पीढ़ियां अपनी जड़ों से कट जाएंगी. कार्यक्रम में पारंपरिक नृत्य, गीत और वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति ने माहौल को जीवंत कर दिया.स्थानीय लोगों ने इस आयोजन को अपनी संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण माध्यम बताया.

कलेक्टर ने बारिश से प्रभावित इलाकों का दौरा किया

लगातार बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने कलेक्टर स्वयं मौके पर पहुंचे. उन्होंने बाढ़ग्रस्त गांवों में राहत सामग्री वितरण और लोगों की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया.अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि सभी प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और भोजन-पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.स्थानीय निवासियों ने प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की सराहना की, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि स्थायी समाधान के लिए नदियों के किनारे बाढ़ रोकथाम के पुख्ता इंतजाम जरूरी हैं.