Bastar News Update : बस्तर. बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने पुना मार्गेमरु पुनर्वास से पुनर्जीवन पहल के तहत देवखरगांव पुनर्वास केंद्र का दौरा किया. आईजी ने यहां रह रहे पुनर्वासितों से सीधा संवाद कर प्रशिक्षण कार्यक्रमों और शासकीय योजनाओं की जानकारी ली. इस अवसर पर 35 पुनर्वासितों को स्मार्टफोन और प्रशिक्षण किट वितरित की गई. आईजी ने कहा कि यह सिर्फ संसाधन नहीं, बल्कि नए जीवन की शुरुआत का माध्यम है. उन्होंने पुनर्वासितों से प्रशिक्षण अवधि का पूरा लाभ लेने और सीखी हुई बातों को गांवों तक पहुंचाने का आह्वान किया. आईजी ने विकास का रास्ता चुनने वाले पुनर्वासितों का आभार भी व्यक्त किया. कलेक्टर नुपूर राशि पन्ना ने केंद्र में चल रहे प्रशिक्षण और गतिविधियों की जानकारी दी. एसपी पंकज चन्द्रा ने बताया कि विभिन्न ट्रेड में कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पुनर्वासितों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया भी जारी है. प्रशासन का उद्देश्य इन्हें आत्मनिर्भर बनाकर मुख्यधारा से जोड़ना है. कार्यक्रम में अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे. यह पहल बस्तर में शांति और भरोसे की मजबूत बुनियाद बन रही है.

करपावंड – धर्म, दबंगई और विधवा का घर: सत्ता के आगे टूटा इंसाफ
करपावंड गांव में एक विधवा महिला का घर जेसीबी से ढहाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. आरोप है कि सरपंच और थानेदार ने मिलकर यह कार्रवाई करवाई. पीड़िता सुकरी बाई के अनुसार उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जा रहा था. मना करने पर उसे सजा के तौर पर घर तोड़ने की कार्रवाई झेलनी पड़ी. यह मकान वन अधिकार पट्टे की जमीन पर बना हुआ था. 2008-09 में प्रशासन द्वारा विधिवत पट्टा जारी किया गया था. मामला अभी तहसील न्यायालय में विचाराधीन है. इसके बावजूद बिना प्रक्रिया पूरी किए जेसीबी चला दी गई. पीड़िता ने पहले कलेक्टर और एसपी से भी गुहार लगाई थी. लेकिन उसकी अपील पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल बन गया है. ग्रामीणों के दो गुट आमने-सामने आ गए हैं. यह मामला प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है.
तोकापाल – नल सूखे, सब्र टूटा: चार दिन से प्यासा गांव
ग्राम पंचायत तोकापाल में नल-जल योजना पूरी तरह ठप पड़ी है. पिछले चार दिनों से गांव में पेयजल आपूर्ति बंद है..महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग पानी के लिए भटकने को मजबूर हैं. ग्रामीण नदी, नाले और तालाब का दूषित पानी इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे पीलिया और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. सबसे ज्यादा असर बच्चों की सेहत पर पड़ रहा है. बच्चे तालाबों में नहाने और वही पानी पीने को मजबूर हैं.
सरपंच लख्मी कश्यप ने बताया कि मोटर जल गई है. मरम्मत के लिए भेजी गई है, इसलिए टैंकर नहीं लगाया गया. ग्रामीण इसे प्रशासनिक लापरवाही बता रहे हैं. लोगों का कहना है कि किसी अधिकारी ने अब तक सुध नहीं ली. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि वे सीईओ कार्यालय का घेराव करेंगे. खाली बर्तनों के साथ प्रदर्शन की तैयारी है.
बीजापुर – धान खरीदी फंसी, किसान परेशान: 28 हजार मीट्रिक टन धान जाम
बीजापुर जिले में धान खरीदी व्यवस्था चरमराती नजर आ रही है. 30 से अधिक खरीदी केंद्रों में धान का उठाव नहीं हो पा रहा. करीब 28 हजार मीट्रिक टन धान केंद्रों में जाम है. 20351 किसानों ने पंजीयन कराया था. लेकिन केवल 25 फीसदी किसान ही धान बेच पाए हैं. धान खरीदी 31 जनवरी तक चलेगी. आने वाले दिनों में दबाव और बढ़ने की आशंका है. 17 केंद्रों में धान बफर लिमिट से ऊपर पहुंच चुका है. अब तक सिर्फ 3 फीसदी धान का उठाव हुआ है. जिले में केवल दो ही पंजीकृत मिलर हैं. पिछले साल का धान भी अब तक पड़ा हुआ है. करीब 4 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है. समय रहते व्यवस्था नहीं सुधरी तो हालात भयावह होंगे.
फरसगांव – हड़ताल से अस्पताल में पसरा सन्नाटा
प्रदेशव्यापी कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की हड़ताल का असर फरसगांव अस्पताल में साफ दिख रहा है. सीएचसी फरसगांव में इलाज व्यवस्था लगभग ठप है. वार्ड खाली पड़े हैं, इमरजेंसी भी वीरान नजर आई. मरीज इलाज की उम्मीद लेकर आए लेकिन लौटने को मजबूर हुए. अस्पताल की जिम्मेदारी केवल संविदा कर्मचारियों पर है. कुछ डॉक्टर और नर्सें शिफ्ट में काम कर रहे हैं. लेकिन स्टाफ की कमी भारी पड़ रही है. दूर-दराज के गांवों से आए मरीज भटकते नजर आए. इलाज न मिलने से लोगों में गहरी नाराजगी है. ग्रामीणों का कहना है कि गरीबों की कोई सुनवाई नहीं. हड़ताल ने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है. सबसे ज्यादा नुकसान आम जनता को हो रहा है. मानवीय संकट गहराता जा रहा है.
बीजापुर – नक्सल अतीत से पर्यटन वर्तमान तक: नुवा बाट की नई तस्वीर
हिंसा छोड़ मुख्यधारा में लौटे बीजापुर के युवाओं की जिंदगी बदली है. नुवा बाट अभियान के तहत 30 पुनर्वासित युवाओं ने चित्रकोट और तीरथगढ़ का भ्रमण किया. कभी यही युवा जंगलों में डर के साये में रहते थे. आज वे बेखौफ होकर प्रकृति का आनंद ले रहे हैं. प्रशासन ने सभी युवाओं को वेलकम किट प्रदान की. यह भ्रमण मानसिक बदलाव की दिशा में अहम कदम है. कुल 60 पुनर्वासित युवा योजना से लाभान्वित हो रहे हैं. 30 युवाओं को राजमिस्त्री का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. शेष 30 फूड एंड बेवरेज ट्रेड में प्रशिक्षित हो रहे हैं. लक्ष्य है सम्मानजनक रोजगार और आत्मनिर्भरता. यह बदलाव बस्तर में शांति की नई कहानी लिख रहा है. हथियार छोड़ युवाओं ने हुनर थामा है. उम्मीद अब हकीकत बनती दिख रही है.
जगदलपुर – प्रशासन सख्त मोड में: धान खरीदी पर कलेक्टर की कड़ी निगरानी
जिले में चल रहे विकास कार्यों और धान खरीदी व्यवस्था की कलेक्टर हरिस एस ने गहन समीक्षा की. बैठक में कलेक्टर ने पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया. उन्होंने स्पष्ट कहा कि धान खरीदी में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. नोडल अधिकारियों को उपार्जन केंद्रों के नियमित निरीक्षण के निर्देश दिए गए. दरभा क्षेत्र में हर सप्ताह निरीक्षण अनिवार्य किया गया है. धान चोरी की आशंका को देखते हुए आकस्मिक निरीक्षण के आदेश दिए गए. कलेक्टर ने रैंडम आधार पर 50 बोरों का वजन जांचने को कहा. अधिक समस्या वाले केंद्रों के लिए विशेष जांच दल गठित होगा. किसानों की सुविधा पर विशेष जोर दिया गया. क्रॉप कटिंग के आधार पर ही टोकन काटने के निर्देश दिए गए. कलेक्टर ने कहा कि किसानों का भरोसा टूटना नहीं चाहिए. प्रशासनिक कसावट से ही व्यवस्था सुधरेगी. बैठक में सभी संबंधित अधिकारी मौजूद रहे.
बैलाडीला – बैलाडीला में बाघों की दस्तक: जैव विविधता का बड़ा संकेत
बैलाडीला की पहाड़ियां एक बार फिर चर्चा में हैं. राजा बंगला और रानी घाट क्षेत्र में बाघों की मौजूदगी के ठोस प्रमाण मिले हैं. कैमरा ट्रैप और पंजों के निशान इसकी पुष्टि करते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार यह क्षेत्र बाघों के लिए आदर्श आवास है. यहां घने जंगल, जल स्रोत और शिकार प्रजातियां मौजूद हैं. प्राणी संरक्षण समिति तीन वर्षों से साक्ष्य जुटा रही थी. इसके बावजूद एनएमडीसी प्रशासन ने चुप्पी साधे रखी. 2021 में इसी क्षेत्र में बाघ शिकार की पुष्टि हो चुकी है. यह इलाका प्राकृतिक कॉरिडोर का काम करता है. तेंदुआ, भालू, पेंगोलिन जैसी दुर्लभ प्रजातियां भी पाई जाती हैं. ग्रामीणों ने भी कई बार बाघ देखे जाने की जानकारी दी है. वन विभाग ने गश्त बढ़ाने की जरूरत बताई है. मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने पर जोर दिया जा रहा है.
जगदलपुर/कोटपाड़ – नकली शराब फैक्ट्री पर छापा
बस्तर सीमा से सटे ओडिशा के कोटपाड़ इलाके में बड़ी कार्रवाई हुई है. ओडिशा पुलिस ने नकली शराब फैक्ट्री पर छापा मारा. फैक्ट्री में नामी ब्रांडों की हूबहू नकल तैयार की जा रही थी. गोवा ब्रांड सहित 9 कंपनियों की नकली शराब पकड़ी गई. फैक्ट्री संचालक बस्तर निवासी अमित और पंकज गुप्ता फरार हैं. यह शराब ओडिशा के साथ जगदलपुर में भी सप्लाई हो रही थी. छापेमारी में स्पिरिट और बोतलें जब्त की गईं. स्टिकर, कॉर्क और पैकिंग मशीन भी मिली. एक्साइज विभाग ने फैक्ट्री सील कर दी है. दोनों आरोपियों की तलाश जारी है. यह कारोबार लंबे समय से चल रहा था. चंद पैसों के लालच में लोगों की जान से खिलवाड़ हुआ. अब नेटवर्क की परतें खुलने लगी हैं.
सुकमा – विस्फोटक सप्लाई मामले में 5 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
नक्सलियों तक हथियार और विस्फोटक पहुंचाने का मामला फिर चर्चा में है. सुकमा कोतवाली में दर्ज केस की जांच एनआईए को सौंपी गई थी. मामला टेरर फंडिंग से जुड़ा होने के कारण एनआईए ने जांच की. एनआईए ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है. इसमें पांच नए आरोपियों के नाम जोड़े गए हैं. आरोपी मनीष सोड़ी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. अन्य आरोपियों में केसा और मनीला शामिल हैं. जांच में टिफिन बम और डेटोनेटर बरामद हुए थे. विस्फोटक सामग्री नक्सलियों तक पहुंचाई जा रही थी. सप्लाई जगरगुंडा क्षेत्र में सक्रिय पीएलजीए को हो रही थी. यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था. एनआईए अब पूरे सप्लाई चैन की कड़ी जोड़ रही है. मामले में और खुलासों की संभावना है.
बस्तर पंडुम 2026: जनजातीय संस्कृति को मिलेगा वैश्विक मंच
छत्तीसगढ़ शासन ने बस्तर पंडुम 2026 की घोषणा कर दी है. इस आयोजन से बस्तर की जनजातीय विरासत को नई पहचान मिलेगी. यह महोत्सव 1885 ग्राम पंचायतों तक पहुंचेगा. स्थानीय कलाकारों और शिल्पकारों को मंच मिलेगा. 12 विशिष्ट विधाओं को प्रतियोगिता का आधार बनाया गया है. गौर-माड़िया और ककसार जैसे नृत्य शामिल होंगे. रिलो-लेजा गीतों की प्रस्तुति होगी.
बस्तर के पारंपरिक व्यंजन भी आकर्षण रहेंगे. चापड़ा और आमट जैसे व्यंजन प्रदर्शित किए जाएंगे. सल्फी और ताड़ी जैसे पेय भी शामिल होंगे. वन औषधियों और वेशभूषा पर विशेष फोकस रहेगा. लोक-नाट्य माओपाटा भी मंच पर होगा. बस्तर की पहचान को विश्व पटल पर लाने की तैयारी है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें


