Bastar Olympics : जगदलपुर। केंद्रीय मंत्री अमित शाह आज प्रियदर्शिनी स्टेडियम जगदलपुर में आयोजित बस्तर ओलंपिक के समापन समारोह में शामिल हुए, जिसमें 7 जिलों के 2676 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने बस्तर के वीर महापुरुषों को याद किया। उन्होंने कहा, 2030 तक बस्तर संभाग को देश का सबसे विकसित आदिवासी संभाग बनाएंगे। विकसित बस्तर के हर गांव तक सड़क होगी। हर घर तक बिजली पहुंचेगी। वन उपज के प्रोसेसिंग के लिए प्लांट लगाए जाएंगे। डेयरी के क्षेत्र में बस्तर सबसे ज्यादा दूध उत्पादक संभाग बनेगा।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, बस्तर जल्द ही नक्सलवाद मुक्त होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बस्तर की धरती पर सभी खिलाड़ियों को राम-राम कहते हुए खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया। शाह ने कहा, मेरी एक ही प्रार्थना है कि बस्तर हमेशा शांति, खेल और विकास की राह पर आगे बढ़े। मैं 2024 में भी बस्तर आया था, 2025 में भी आया हूं और 2026 में भी आऊँगा। बस्तर नक्सल मुक्त होकर आने वाले समय में ओलंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भी अपनी पहचान बनाए, यही हमारा संकल्प है।


कुपोषण मुक्ति के लिए चलाया जाएगा विशेष अभियान
अमित शाह ने कहा, 2030 तक विकसित बस्तर का सपना साकार होगा। बस्तर में शांति, सुरक्षा, खेल और विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। उन्होंने कहा कि बस्तर में उद्योग, सिंचाई और स्वास्थ्य सुविधाओं का व्यापक विस्तार किया जाएगा। स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए नए अस्पताल बनाए जाएंगे। वहीं सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से किसानों को लाभ मिलेगा। कुपोषण मुक्ति के लिए बस्तर में विशेष अभियान चलाया जाएगा, ताकि माताओं और बच्चों को बेहतर पोषण और स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
2030 तक विकसित बस्तर बनाना हमारा संकल्प
उन्होंने कहा, वनवासी समुदाय की आजीविका मजबूत करने के लिए वन उपज के प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जाएंगे। साथ ही डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देकर बस्तर को संभाग का सबसे बड़ा दूध उत्पादक क्षेत्र बनाया जाएगा। नक्सलवाद पर कड़ा संदेश देते हुए अमित शाह ने कहा कि नक्सलवाद बस्तर का विकास नहीं चाहता। जो लोग नक्सलवाद का रास्ता छोड़ना चाहते हैं, उनके लिए सरकार पुनर्वास योजना लेकर आई है, ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें। “मैं विकसित बस्तर और नक्सल मुक्त बस्तर बनाने के लिए दिन-रात मेहनत करूंगा। वर्ष 2030 तक विकसित और नक्सल मुक्त बस्तर हमारा संकल्प है।”
माओवादियों से हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नक्सलवाद का रास्ता छोड़ने वाले युवाओं द्वारा बस्तर ओलंपिक में हिस्सा लेने की खबर सुनकर मुझे बेहद खुशी हुई है। यह इस बात का प्रमाण है कि बस्तर के युवा अब हिंसा नहीं, विकास और खेल का रास्ता चुन रहे हैं। अमित शाह ने माओवादियों से अपील करते हुए कहा कि हिंसा का रास्ता छोड़िए और समाज की मुख्यधारा में लौटिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नक्सलवाद से किसी का भला नहीं हुआ है और यह बस्तर के विकास में सबसे बड़ी बाधा रहा है। उन्होंने कहा कि “नुआ बाट” का अर्थ होता है नया मार्ग, और यह नया मार्ग शांति, विकास और भविष्य निर्माण का मार्ग है। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों ने विकास का रास्ता चुना है। सरकार ऐसे सभी लोगों का स्वागत करती है और उन्हें आगे बढ़ने के लिए हर संभव सहयोग देगी।
बस्तर में 2000 से अधिक नक्सलियों ने किया सरेंडर
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बस्तर में 2000 से अधिक लोगों ने सही मार्ग अपनाया है और हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटे हैं। यह दिखाता है कि बस्तर के लोग अब शांति, विकास और खेल के रास्ते को चुन रहे हैं। उन्होंने बस्तर ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों की सराहना करते हुए कहा कि जो जीत रहे हैं, उन्हें बधाई और जो इस बार हार गए हैं, उन्हें 2026 में जीतने के लिए शुभकामनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि युवाओं का उत्साह और परिश्रम बस्तर को विकास और समृद्धि की ओर ले जाएगा।
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