CG News : शिवा यादव, सुकमा. छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से शिक्षकों का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. दरअसल, नाडीगुफा प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षक राजू बघेल और मंतूराम मौर्य बारिश के दिनों में रोजाना अपनी जान जोखिम में डालकर जर्जर नाव के सहारे नदी पार कर बच्चों तक पढ़ाने पहुंचते हैं. नाडीगुफा पहुंचने के लिए कोई पुल-पुलिया नहीं है, इसलिए दोनों शिक्षक 16 छात्रों को पढ़ाने के लिए कड़ी चुनातियों को पार करते हैं.

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बारिश के चार महीने नाडीगुफा पूरी तरह से टापू में तब्दील हो जाता है. ऐसे में गांव तक पहुंचना जोखिम भरा हो जाता है. कई बार नाविक न मिलने से शिक्षक नदी पार नहीं कर पाते, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है. मजबूरी में शिक्षक कई बार घंटों नाविक का इंतजार करते हैं या फिर वापस लौट जाते हैं.

नाडीगुफा गांव में 26 घरों में करीब 130 लोग रहते हैं. बारिश के कारण लोगों को खाने-पीने की व्यवस्था करना काफी मुश्किल हो जाता है. बीमार पड़ने उन्हें अस्पताल तक पहुंचने में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस गांव के 16 बच्चे स्कूल जाते हैं, जिन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक राजू और मंतूराम अपने घर से केवल बैग में टिफिन बॉक्स लेकर निकलते हैं.

शिक्षकों ने बताया कि रोजाना जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचने की कोशिश करनी पड़ती है. प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कई बार नाव की मांग की गई, लेकिन आज तक कोई स्थायी व्यवस्था नहीं हो सकी है. गांव वालों और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने नाव की व्यवस्था होना बेहद जरूरी है.
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