रायपुर. केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह अपने दो दिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ में है. इस प्रवास के दूसरे दिन राजनाथ सरगुजा जिले के केपी ग्राम स्थित केन्द्रीय सुरक्षा बल के 241 वीं बटालियन के अतिरिक्त प्रशिक्षण सेंटर में बस्तरिया बटालियन के दीक्षांत परेड समारोह में शामिल होने पहुंचे. उनके साथ मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह भी मौजूद रहे. इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले जवानों को सम्मानित किया. कार्यक्रम के प्रारंभ में केन्द्रीय गृहमंत्री सिंह ने परेड का निरीक्षण किया और पासिंग आउट परेड की सलामी ली.

बस्तारिया बटालियन में 543 जवान हैं, जिसमें 189 महिलाएं शामिल हैं- पासिंग आउट परेड के बाद सीआरपीएफ की इस बटालियन की तैनाती नक्सल बेल्ट में की गई. बटालियन को सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में तत्काल नक्सल रोधी अभियानों में शामिल किया जाएगा. इन रंगरूटों का चयन अविभाजित बक्सर क्षेत्र के सुकमा, दंतेवाड़ा , नारायणपुर और बीजापुर जिलों से किया गया है.

इस दौरान केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि प्रतिभाएं केवल शहरों और आलिशान अट्टालिकाओं में रहने वाले सुख-सुविधा सम्पन्न लोगों में ही नहीं पैदा होती है, अपितु बस्तर जैसे सुदूरू ग्रामीण वनांचल के क्षेत्रों के लोगों में भी प्रतिभा पैदा होती है. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सुरक्षा बल और पुलिस बल के बेहतर समन्वय से अच्छा कार्य कर माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित की जा रही है.

केन्द्रीय गृहमंत्री सिंह ने बस्तरिया बटालियन के पासिंगआउट परेड में शामिल हुए, जवानों के परिवारजनों का अभिनंदन करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसे साहसी लाल पैदा किए हैं. उन्होंने कहा कि बस्तरिया बटालियन के परेड को देखकर वेे बहुत गौरवान्वित हुए हैं. सिंह ने कहा कि आदिवासी समाज बहुत देशभक्त है और हर चुनौती के समय हमेशा उनका योगदान रहा है, इसलिए नियमों को शिथिल कर बस्तर क्षेत्र के नवजवानों को बस्तरिया बटालियन में भर्ती होने का अवसर प्रदान किया गया. उन्होंने कहा कि माओवादी एवं उग्रवाद आज देश के लिए संकट है, लेकिन केन्द्रीय सुरक्षा बल और पुलिस के समन्वय से बेहतर कार्य करने के कारण माओवाद, आतंकवाद एवं उग्रवाद आदि से होने वाले शहादत में 53 से 55 प्रतिशत की कमी आई है तथा इनके भौगौलिक क्षेत्र में भी 40 से 45 प्रतिशत की कमी आई है. उन्होंने कहा कि माओवादी ताकतें नहीं चाहती हैं कि बस्तर जैसे दूर-दराज के क्षेत्रों का विकास हो और वे चाहते हैं कि आदिवासी गरीब ही बने रहें. सिंह ने कहा कि नक्सलियों के नेता और उनके परिवार के पास सभी सुविधाएं हैं तथा उनके बच्चे बड़े-बड़े स्कूलों और विदेशो में पढ़ाई कर रहे हैं और वे आदिवासियों को विकास से दूर रखना चाहते हैं.

केन्द्रीय गृहमंत्री ने सी.आर.पी.एफ. के जवानों के परिवार के सदस्यों से कहा कि हर संकट की घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि जान की भरपाई तो नहीं की जा सकती, लेकिन अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपने प्राणों का न्यौछावर करने वाले शहीदों के परिवारजनों को अब कम से कम एक करोड़ रूपए एक्सग्रेसिया की राशि दी जाएगी. उन्होंने कहा कि गंभीर रूप से घायल और अंग-भंग हुए जवानों को भी उचित सहायता राशि दी जाएगी. गृहमंत्री सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह बस्तर जैसे आदिवासी क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास करना चाहते हैं और उन्हें जो भी सहयोग की आवश्यकता होगी केन्द्र शासन द्वारा हर संभव सहयोग दिया जाएगा. सिंह ने बताया कि शहीद जवानों के परिवारजनों की सहायता के लिए समस्या निवारण सेल का गठन किया गया है.

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में बस्तरिया बटालियन का गठन कर यहां के लोगों को इसमें भर्ती होने का अवसर देने के लिए केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बस्तरिया बटालियन के चुस्त-दुरूस्त परेड को देखकर यह लगता है कि ये नवजवान अब बस्तर में अवश्य शांति स्थापित करने में कामयाब होंगे. उन्होंने कहा कि ये सभी जवान कभी एस.पी.ओ. आदि के रूप में सरकार को सहयोग दे चुके हैं, जो आज एक नए रूप में सी.आर.पी.एफ. के जवान बन गए हैं, जिसे इतिहास में जाना जाएगा. उन्होंने कहा कि बस्तर के नवजवान न केवल छत्तीसगढ़ का बल्कि पूरे हिन्दुस्तान का सम्मान बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा कि बस्तर से निकलने वाले फौलाद जैसा इन जवानों का आत्मविश्वास है और इनका ह्रदय बहुत कोमल है. ये जवान कभी पराजित नहीं होंगे और अपने लक्ष्य में सफल होंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बस्तर में शांति स्थापित करने में सी.आर.पी.एफ. के जवानों की महत्वपूर्ण भूमिका है. ये जवान न केवल अपना पसीना बहाए है, बल्कि जरूरत पड़ने पर अपने खून भी बहाए हैं. इनके बलिदान को छत्तीसगढ़ कभी नहीं भुलेगा. उन्होंने कहा कि इन जवानों के सहयोग से बस्तर के दूर-दराज के क्षेत्रों में सड़क, पुल-पुलियों का जाल बिछाने के साथ ही शिक्षा और खेल-कूद सहित सामाजिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है तथा बस्तर में शांति और समरसता लाने का कार्य किया जा रहा है.

केन्द्रीय सुरक्षा बल के महानिदेशक आर.आर. भट्नागर ने कहा कि केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का केन्द्रीय सुरक्षा बल के प्रति विशेष लगाव है और उन्हीं के विशेष प्रयास से बस्तरिया बटालियन का गठन किया गया है, जिससे बस्तर के नवजवानों को इस सी.आर.पी.एफ. में भर्ती होने का सुअवसर प्राप्त हुआ. बस्तर बटालियन में भर्ती करने के बाद इन नवजवानों का 44 सप्ताह का प्रशिक्षण पूरा हो गया है और ये नवजवान अब माओवादी प्रभावी बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ लोहा लेने के लिए पूर्ण रूप से तैयार हैं. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सी.आर.पी.एफ. और पुलिस बल के समन्वय तथा राज्य शासन के सहयोग से नक्सल ऑपरेशन में कामयाबी हासिल की जा रही है.

इस अवसर पर उप कमाडेंट प्रभात कुमार सिंह ने प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले नवजवानों को शपथ दिलाई. साथ ही परेड कमाण्ड राजेन्द्र प्रसाद रेगर के नेतृत्व में आकर्षक मार्चपास्ट किया गया. इस मौके पर बस्तर की लोक संस्कृति पर आधारित मनोहरी सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी प्रदर्शन किया गया.

दीक्षांत परेड समारोह छत्तीसगढ़ के गृह, जेल एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री रामसेवक पैकरा, सरगुजा सांसद कमलभान सिंह, राज्य सभा सांसद रामविचार नेताम, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह बी.व्ही.आर. सुब्रह्मण्यम, पुलिस महानिदेशक ए.एन. उपाध्याय, सी.आर.पी.एफ. के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कुलदीप सिंह, पुलिस महानिरीक्षक संजय अरोरा, सरगुजा संभाग के कमिश्नर अविनाश चम्पावत, सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक हिमांशु गुप्ता, कलेक्टर किरण कौशल, पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार, गणमान्य नागरिक और बस्तर बटालियन के परिवारजन उपस्थित थे.