स्पोर्ट्स डेस्क. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के नियमानुसार देश के खिलाड़ी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के अलावा दुनिया के किसी भी टी20 लीग में नहीं खेल सकते हैं. हालांकि, कुछ खिलाड़ियों ने रिटायर्ड होने के बाद दूसरे लीग में खेलने की अपनी इच्छा जाहिर की थी, लेकिन बीसीसीआई से उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नहीं मिला. अब बोर्ड की अपेक्स कमेटी की बैठक में इस पर फैसला जो सकता है जो 7 जुलाई को होगा. इसमें बोर्ड कुछ बड़े फैसले लेने जा रहा है.

इसके तहत भारत के रिटायर्ड क्रिकेटर्स (Retaired Cricketers) के विदेशी लीग (Foreign leauge T20) में खेलने, एशियन गेम्स (Asian Games) में भारत की महिला (Indian Women’s Cricket Team) और पुरुष (Indian Men’s Cricket Team) टीमों के शामिल होने तथा बीसीसीआई के मीडिया राइट्स व स्पॉन्सरशिप को लेकर जरूरी फैसले लिए जा सकते हैं.

बता दें कि, अपेक्स कमेटी की बैठक में रिटायर्ड खिलाड़ियों के विदेशी टी20 लीग में खेलने का मुद्दा सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है. अपेक्स कमेटी की बैठक में इस मसले को शामिल किए जाने के बाद अटकलें हैं कि क्या बीसीसीआई रिटायर्ड खिलाड़ियों को भी विदेशी लीग में खेलने से रोक देगा.

गौरतलब है कि, अभी जो खिलाड़ी बीसीसीआई से संबद्ध हैं और उससे मान्यता प्राप्त स्टेट एसोसिएशन से खेलते हैं. वे विदेशी लीग में नहीं खेल सकते हैं. वहीं, भारत में होने वाले मैचों के राइट्स स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क के पास है. जबकि, इन मैचों की लाइव स्ट्रीमिंग राइट्स हॉटस्टार के पास है. हालांकि, आईपीएल मैचों के राइट्स स्टार स्पोर्ट्स के पास है, लेकिन लाइव स्ट्रीमिंग राइट्स जियो सिनेमा के पास है.

अपेक्स कमेटी की बैठक 19वीं बार हो रही है, लेकिन इसके आयोजन स्थल को लेकर अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है. बैठक में चर्चा के लिए कुल नौ बिंदुओं को चुना गया है. इसमें 18वीं अपेक्स कमेटी की बैठक में हुई चर्चा पर सहमति देना, सदस्यों को भेजे गए सर्कुलेशन से जुड़े प्रस्ताव पर सहमति, रिटायर्ड खिलाड़ियों के विदेशी टी20 लीग में शामिल होने से जुड़ी नीति, एशियन गेम्स में महिला और पुरुष टीमों का शामिल होना, सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट में इंपैक्ट खिलाड़ी के नियम को शामिल करना, बीसीसीआई की स्पॉन्सरशिप, बायजूज और मीडिया राइट्स पर अपडेट, आईसीसी वर्ल्ड कप 2023 के ट्यूर पैकेज, स्टेडियम को अपग्रेड करने, महिला और पुरुष खिलाड़ियों के कॉन्ट्रेक्ट को मंजूरी तथा चेयरपर्सन को अगर कोई मसला जरूरी लगता है तो उस पर भी चर्चा की जा सकती है.

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