Indian team’s new Test coach: भारतीय क्रिकेट टीम का टेस्ट क्रिकेट में हालिया प्रदर्शन लगातार सवालों के घेरे में है। बीते कुछ महीनों में टीम को एक के बाद एक निराशाजनक नतीजों का सामना करना पड़ा है। घरेलू मैदान पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत को 0-2 से हार झेलनी पड़ी, वहीं न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में टीम का क्लीन स्वीप हो गया। इन नाकामियों के बाद अब टीम इंडिया के कोचिंग ढांचे को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
BCCI खोज रही नया टेस्ट कोच
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेस्ट सीरीज में लगातार मिल रही विफलताओं के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के एक शीर्ष अधिकारी ने अनौपचारिक तौर पर पूर्व दिग्गज बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण से संपर्क किया था। उनसे यह जानने की कोशिश की गई कि क्या वह भविष्य में भारतीय टेस्ट टीम के कोच की भूमिका निभाने में रुचि रखते हैं।
हालांकि, इस बातचीत को लेकर स्थिति फिलहाल स्पष्ट है। वीवीएस लक्ष्मण ने टेस्ट टीम का कोच बनने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में खुश हैं लक्ष्मण
वीवीएस लक्ष्मण इस समय बेंगलुरु स्थित बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में क्रिकेट प्रमुख के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे हैं और वह इसी जिम्मेदारी में संतुष्ट नजर आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, लक्ष्मण फिलहाल राष्ट्रीय टीम की कोचिंग जिम्मेदारी संभालने के बजाय युवा खिलाड़ियों के विकास और घरेलू ढांचे को मजबूत करने पर फोकस करना चाहते हैं।
वर्तमान भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर का करार वनडे वर्ल्ड कप 2027 तक है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में खराब नतीजों के चलते बोर्ड इस व्यवस्था पर पुनर्विचार कर सकता है। हालांकि, अभी तक किसी बड़े बदलाव का औपचारिक संकेत नहीं दिया गया है।
टी20 वर्ल्ड कप 2026 पर टिकी नजरें
मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि भारतीय टीम के कोचिंग भविष्य का फैसला काफी हद तक टी20 वर्ल्ड कप 2026 के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। यदि टीम इंडिया खिताब बचाने में सफल रहती है या कम से कम फाइनल तक का सफर तय करती है, तो BCCI मौजूदा कोचिंग सेटअप पर भरोसा बनाए रख सकता है।
इस बीच भारत को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के तहत श्रीलंका के खिलाफ दो टेस्ट मैच खेलने हैं। इसके बाद अक्टूबर में न्यूजीलैंड दौरा और फिर जनवरी-फरवरी 2027 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू पांच टेस्ट मैचों की अहम सीरीज टीम के सामने होगी।
खिलाड़ियों में असुरक्षा की भावना?
सूत्रों का यह भी कहना है कि मौजूदा कोचिंग दौर में कई खिलाड़ी खुद को पूरी तरह सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं। इसकी तुलना राहुल द्रविड़ के कार्यकाल से की जा रही है, जब खिलाड़ियों की भूमिकाएं स्पष्ट थीं और उन्हें खुद को साबित करने के लिए पर्याप्त समय मिलता था।
द्रविड़ के तीन साल के कार्यकाल में खिलाड़ियों को निरंतर मौके दिए गए, जिससे टीम में स्थिरता बनी रही। मौजूदा दौर में हालांकि चयन नीति को लेकर असमंजस की स्थिति देखी जा रही है।
शुभमन गिल का मामला बना उदाहरण
इसका ताजा उदाहरण शुभमन गिल का है। हाल ही में उन्हें टी20 टीम में उपकप्तान बनाकर वापसी कराई गई थी, लेकिन खराब प्रदर्शन के चलते वह उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। इसके बाद उन्हें टी20 वर्ल्ड कप 2026 की संभावित स्क्वाड से बाहर कर दिया गया। गिल की अचानक वापसी और फिर तेजी से टीम से बाहर होने की घटना ने अन्य खिलाड़ियों के मन में भी असमंजस और दबाव की स्थिति पैदा कर दी है।
आगे क्या होगा कोचिंग मॉडल?
आगामी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के बाद आईपीएल का आयोजन होना है। इसके बाद BCCI के पास यह तय करने के लिए पर्याप्त समय होगा कि अलग-अलग फॉर्मेट के लिए अलग कोच नियुक्त किए जाएं या तीनों फॉर्मेट के लिए एक ही कोच पर भरोसा रखा जाए।
वीवीएस लक्ष्मण से अनौपचारिक बातचीत यह संकेत जरूर देती है कि बोर्ड ने टेस्ट क्रिकेट के लिए नए विकल्पों की तलाश अभी से शुरू कर दी है। आने वाले महीनों में भारतीय क्रिकेट के कोचिंग ढांचे को लेकर बड़े फैसले देखने को मिल सकते हैं।
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