देश में IPL (इंडियन प्रीमियर लीग) को लेकर लोगों में जबरदस्त क्रेज देखने को मिलता है. दुनिया की इस सबसे महंगी T20 लीग में बेहतरीन प्रदर्शन के चलते देश के कई खिलाड़ियों ने भारतीय टीम में जगह बनाई है. आलम ये है कि भारत के युवा खिलाड़ी प्रथम श्रेणी क्रिकेट को छोड़कर आईपीएल को तरजीह देने लगे हैं. यही कारण है कि अब बीसीसीआई नए और सख्त नियम लेकर आने वाला है. सूत्रों की माने तो खिलाड़ियों को कम से कम तीन-चार रणजी मैच खेलना अनिवार्य होगा तभी वह आईपीएल मैच खेलने के पात्र हो सकते हैं. वरना आईपीएल फ्रैंचाइजियों से खिलाड़ियो को रिलीज करने कहा जाएगा, इतना ही नहीं ऑक्शन से भी बैन कर दिया जाएगा.
दरअसल, यह मुद्दा उस वक्त उठा जब साउथ अफ्रीका दौरे के दौरान भारत के स्टार विकेट कीपर बल्लेबाज ईशान ने ब्रेक की गुजारिश की थी जिसके बाद से उन्होंने कोई मैच नहीं खेला और स्वदेश लौट गए थे, यही नहीं इस बीच उन्हें मुंबई इंडियंस के नवनियुक्त कप्तान हार्दिक पंड्या के साथ बड़ौदा में अभ्यास करते हुए देखा गया जबकि उनकी रणजी टीम झारखंड अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही थी. पता चला है कि बीसीसीआई के अधिकारी पहले ही किशन को 16 फरवरी से जमशेदपुर में राजस्थान के खिलाफ होने वाले झारखंड के अंतिम लीग मैच में खेलने का निर्देश दे चुके हैं. लेकिन किशन का अपनी टीम के लिए उपलब्ध न रहकर आईपीएल को तरजीह देना बीसीसीआई के अधिकारियों को नागवार गुजरा. ऐसे में खबर सामने आई है कि IPL खेलने वाले खिलाड़ी को लेकर बीसीसीआई सख्त नियम बना सकती है.
IPL के लिए रणजी खेलना होगा अनिवार्य
सूत्रों के मुताबिक भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) इस टी20 लीग में भागीदारी के लिए रणजी ट्रॉफी के कुछ मैचों में खेलना अनिवार्य कर सकता है. बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने एक न्यूज़ एजेंसी को इस मुद्दे को लेकर कहा, ‘‘बीसीसीआई के नीति निर्धारक इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं की कुछ खिलाड़ी लाल गेंद की क्रिकेट में नहीं खेलना चाहते हैं. अगर वह भारतीय टीम से बाहर हैं तो वह मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट के कुछ मैच में खेलकर उसके बाद प्रथम श्रेणी सत्र के दौरान अपनी राज्य की टीम से नहीं जुड़ते हैं.’’
उन्होंने कहा,‘‘खिलाड़ियों को ऐसा करने से रोकने के लिए बोर्ड रणजी ट्रॉफी के तीन-चार मैच में खेलना अनिवार्य कर सकता है. अगर खिलाड़ी ऐसा नहीं करता है तो वह आईपीएल में नहीं खेल सकता है और यहां तक कि अगर उनकी फ्रेंचाइजी ने उन्हें रिलीज कर दिया तो वह आईपीएल नीलामी में भाग नहीं ले सकते हैं.’’ अधिकारी ने कहा,‘‘राज्य इकाइयों का मानना है कि बीसीसीआई को इस संबंध में कुछ कड़े नियम बनाने चाहिए ताकि युवा खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी को हेय दृष्टि से ना देखें.’’ यह भी पता चला है कि भारतीय टीम प्रबंधन ऐसे खिलाड़ियों से परेशान है जो फिट होने पर भी रणजी ट्रॉफी में नहीं खेलना चाहते हैं.
अधिकारी ने कहा, ‘‘हम हार्दिक पंड्या का मामला समझ सकते हैं क्योंकि उनका शरीर लाल गेंद की क्रिकेट के कार्यभार को सहन नहीं कर सकता. वह टेस्ट क्रिकेट के कार्यभार को नहीं झेल सकते हैं और उनका आईसीसी प्रतियोगिताओं के लिए फिट रहना भारत के लिए महत्वपूर्ण है.’’ उन्होंने कहा,‘‘लेकिन कुछ अन्य युवा खिलाड़ी हैं जिनसे बात करने पर वह कहते हैं कि अभी वह अपनी फिटनेस पर काम कर रहे हैं. इस चलन को किसी स्तर पर रोकना होगा.’’
BCCI ने रणजी का अगला राउंड खेलना किया अनिवार्य
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीसीसीआई ने उन खिलाड़ियों के लिए रणजी ट्रॉफी का अगला राउंड खेलना अनिवार्य कर दिया है जो अभी टीम से बाहर चल रहे हैं. बोर्ड ने अपने फैसले में कहा है कि अभी जो खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम से बाहर चल रहे हैं या फिर एनसीए में रिहैब की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं वह सभी तत्काल प्रभाव से 16 फरवरी से शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफी के अगले राउंड के मैचों में अपनी-अपनी टीमों के साथ जुड़ जाएं. बोर्ड के आदेश में कहा गया है कि खिलाड़ी केवल इंटरनेशनल क्रिकेट या फिर आईपीएल को प्राथमिकता नहीं दे सकते बल्कि उन्हें खुद को घरेलू क्रिकेट के लिए भी उपलब्ध रखना होगा. बोर्ड का यह फैसला इशान के अलावा क्रुणाल पंड्या और दीपक चाहर जैसे अन्य खिलाड़ियों पर भी लागू है जो या तो इंजरी या फिर फॉर्म के चलते राष्ट्रीय टीम से बाहर हैं और रणजी ट्रॉफी नहीं खेल रहे. इसके अलावा श्रेयस अय्यर भी इस लिस्ट में शामिल हैं, श्रेयस अभी एनसीए में हैं.
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