नई दिल्ली। ओलंपिक जाने वाले भारतीय दल के प्रायोजकों में से चीनी कंपनी को हटाए जाने से आ रही आर्थिक दिक्कतों को दूर करने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने अपना खजाना खोल दिया है. बीसीसीआई ने भारतीय ओलंपिक संघ और खेल मंत्रालय के अनुरोध पर दस करोड़ रुपए देने की घोषणा की है.
चीनी कंपनी ली निंग भारतीय ओलंपिक दल की किट प्रायोजक थी, लेकिन सीमा विवाद की वजह से चीनी कंपनी को लेकर आपत्ति उठी, जिसके बाद ओलंपिक संघ ने कंपनी को सूची से हटा दिया था. इस कदम से हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए भारतीय ओलंपिक संघ और खेल मंत्रालय ने बीसीसीआई से अनुरोध किया था. इस पर अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह की उपस्थिति में बीसीसीआई की आपात शीर्ष परिषद बैठक में फैसला लिया गया.
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बीसीसीआई द्वारा जारी बयान में कहा गया कि बीसीसीआई ने भारतीय खिलाड़ियों की हर तरह से मदद करने का फैसला किया है. आईओए और खेल मंत्रालय के अनुरोध के बाद बीसीसीआई 10 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद का फैसला लिया है. बीसीसीआई अधिकारी के अनुसार, इस राशि का उपयोग टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले खिलाड़ियों की तैयारियों और अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाएगा. खेल मंत्रालय और भारतीय ओलंपिक संघ से बात करने के बाद भुगतान का तरीका तय किया जाएगा.
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