BCCI Implements New Rule For Team India Players: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने वाइट बॉल क्रिकेट को लेकर एक अहम फैसला लिया है। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चल रही 5 मैचों की टी20 सीरीज के बीच बोर्ड ने वनडे और टी20 टीम के सभी खिलाड़ियों के लिए नया नियम लागू कर दिया है। इस फैसले के तहत अब वाइट बॉल फॉर्मेट खेलने वाले हर खिलाड़ी को एक प्रमुख घरेलू टूर्नामेंट में हिस्सा लेना अनिवार्य होगा।
विजय हजारे ट्रॉफी में खेलना होगा कम से कम दो मैच
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, BCCI ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वनडे और टी20 टीम के सभी खिलाड़ी चाहे वे सीनियर हों या जूनियर विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 में कम से कम दो मुकाबले जरूर खेलेंगे। यह टूर्नामेंट भारतीय घरेलू क्रिकेट का प्रमुख लिस्ट-ए टूर्नामेंट है, जिसकी शुरुआत 24 दिसंबर 2025 से होगी।
BCCI का मानना है कि इस कदम से खिलाड़ियों की मैच फिटनेस बनी रहेगी और वे लंबे अंतराल के बाद भी प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से जुड़े रहेंगे। साथ ही, इससे घरेलू क्रिकेट को मजबूती मिलेगी और युवा खिलाड़ियों को सीनियर खिलाड़ियों के साथ खेलने और उनसे सीखने का अवसर मिलेगा।
सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट खिलाड़ियों पर भी लागू होगा नियम
इस नए आदेश के तहत यह भी साफ किया गया है कि जब भी कोई सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम की ड्यूटी से मुक्त होगा, तब उसे घरेलू टूर्नामेंट में उपलब्ध रहना होगा। बोर्ड का यह फैसला खासतौर पर उन सीनियर खिलाड़ियों को ध्यान में रखकर लिया गया है, जो लगातार इंटरनेशनल शेड्यूल के कारण वर्षों से घरेलू क्रिकेट नहीं खेल पाए हैं।
विजय हजारे ट्रॉफी में दिखेंगे रोहित-विराट
इस फैसले के बाद विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 में कई बड़े नाम खेलते नजर आएंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहित शर्मा और विराट कोहली का इस टूर्नामेंट में खेलना तय माना जा रहा है। विराट कोहली ने दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन (DCA) को अपनी उपलब्धता की जानकारी पहले ही दे दी है और वे कम से कम दो मुकाबले खेलने वाले हैं।
गौरतलब है कि विराट कोहली ने विजय हजारे ट्रॉफी में आखिरी बार साल 2010 में हिस्सा लिया था, यानी करीब 16 साल बाद वे इस घरेलू टूर्नामेंट में वापसी करेंगे। वहीं, रोहित शर्मा ने भी आखिरी बार 17 अक्टूबर 2010 को विजय हजारे ट्रॉफी में मैच खेला था।
घरेलू क्रिकेट को मिलेगा नया आयाम
BCCI के इस फैसले को घरेलू क्रिकेट के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है। सीनियर खिलाड़ियों की मौजूदगी से न सिर्फ टूर्नामेंट का स्तर ऊंचा होगा, बल्कि युवा खिलाड़ियों का आत्मविश्वास और अनुभव भी बढ़ेगा। क्रिकेट जानकारों का मानना है कि इससे भारतीय टीम की बेंच स्ट्रेंथ और मजबूत होगी और भविष्य के लिए तैयार खिलाड़ी सामने आएंगे।
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