स्पोर्ट्स डेस्क- डीआरएस सिस्टम क्रिकेट में ये एक ऐसी प्रणाली है जिसका उपयोग इंटरनेशनल क्रिकेट में तो बड़ी ही तेजी हो रहा है, लेकिन अभी भी भारत में घरेलू क्रिकेट में इसका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।

लेकिन अब इसे भारत में घरेलू क्रिकेट रणजी ट्रॉफी जैसे मुकाबलों में भी लागू करने की मांग उठने लगी है।

बीसीसीआई ने शुक्रवार को मुंबई में एक सम्मेलन का आयोजन किया था जिसमें घरेलू क्रिकेट टीमों के कई कोच और कप्तानों ने अब रणजी ट्रॉफी में भी डीआरएस लागू करने के सुझाव दिए हैं।

डीआरएस प्रणाली का इस्तेमाल तो इंटरनेशनल क्रिकेट में धड़ल्ले से चल रहा है। लेकिन घरेलू क्रिकेट में भारत में अभी भी इसका इस्तेमाल नहीं रहा है। पिछले साल रणजी ट्रॉफी के दौरान अंपायर के कुछ फैसलों को लेकर काफी विवाद हुआ था।

जिसके बाद अब भारत में घरेलू क्रिकेट में भी इसे लागू करने के सुझाव दिए गए हैं, इसके अलावा दिलीप ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी की प्रासंगिकता पर भी बात की गई।

वहीं घरेलू क्रिकेट में टॉस के समय सिक्का उछालने के प्रचलन को खत्म करने और मेहमान टीम को गेंदबाजी या बल्लेबाजी चुनने का अधिकार देने के बारे में भी सुझाव दिया गया।