नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक में बड़ा संशोधन करते हुए साफ कर दिया है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) सूचना के अधिकार (RTI) के तहत नहीं आएगा। यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि BCCI को सरकार से किसी प्रकार की वित्तीय सहायता या अनुदान प्राप्त नहीं होता है।

बता दें कि खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने 23 जुलाई को लोकसभा में “नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल” पेश किया। इस बिल के धारा 15(2) में कहा गया है कि केवल वही खेल संगठन RTI के दायरे में आएंगे जो सरकारी सहायता या अनुदान प्राप्त करते हैं। ऐसे संगठनों को ही “सार्वजनिक प्राधिकरण” माना जाएगा।

इस संशोधन के चलते BCCI की उस दलील को मान्यता मिल गई है जिसमें वह खुद को RTI से बाहर बताता रहा है। बोर्ड का तर्क रहा है कि वह पूरी तरह से स्ववित्तपोषित (self-funded) है और सरकार पर निर्भर नहीं है।

RTI के खिलाफ BCCI का रुख

BCCI काफी समय से RTI के दायरे में आने का विरोध करता रहा है। उसका कहना रहा है कि वह किसी सरकारी फंडिंग पर नहीं चलता, इसीलिए उस पर RTI लागू नहीं हो सकता। नए विधेयक में हुए बदलाव ने इस पर अंतिम मुहर लगा दी है।

RTI में आएगा कौन?

संशोधित विधेयक अब RTI की सीमाएं स्पष्ट करता है। इसके अनुसार, RTI उन्हीं संस्थानों पर लागू होगा जो सरकारी धन या किसी भी प्रकार की सहायता पर निर्भर हों। सिर्फ धन ही नहीं, बल्कि अगर किसी संगठन को सरकारी इन्फ्रास्ट्रक्चर, संसाधन या अन्य मदद मिलती है, तो वो RTI के दायरे में आएगा।

एक अधिकारी के अनुसार, यदि ऐसा स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता, तो यह विधेयक कानूनी चुनौती का शिकार हो सकता था। इस वजह से अब जो संगठन पूरी तरह से निजी संसाधनों से चलते हैं, वे RTI से बाहर रहेंगे।

आगे क्या?

हालांकि BCCI को फिलहाल RTI से छूट मिल गई है, लेकिन अगर वह भविष्य में सरकार से कोई सहायता लेता है- जैसे किसी आयोजन के लिए स्टेडियम या अन्य सुविधाएं तो उस विशेष मामले में RTI के तहत जानकारी मांगी जा सकेगी।

इसके अलावा, क्रिकेट के 2028 ओलंपिक में टी20 प्रारूप में शामिल होने के चलते, BCCI को राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSF) के रूप में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।

विधेयक में राष्ट्रीय खेल बोर्ड (NSB) के गठन का भी प्रावधान है, जिसके अंतर्गत सभी NSF को केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए मान्यता लेनी होगी।

कैसा होगा NSB का ढांचा ?

NSB में एक अध्यक्ष और कई सदस्य होंगे, जिन्हें केंद्र सरकार नियुक्त करेगी। चयन प्रक्रिया शोध सह चयन समिति द्वारा की जाएगी, जिसके अध्यक्ष कैबिनेट सचिव या खेल सचिव होंगे। इसके अलावा, इसमें भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक, दो अनुभवी खेल प्रशासक (पूर्व महासंघ पदाधिकारी) और एक प्रतिष्ठित खिलाड़ी शामिल होगा जिसने द्रोणाचार्य, अर्जुन या खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त किया हो।

सरकार के इस संशोधन से BCCI को फिलहाल RTI के दायरे से बाहर रखे जाने की कानूनी मंजूरी मिल गई है, लेकिन यदि वह किसी रूप में सरकारी संसाधनों का उपयोग करता है, तो उसे जवाबदेही से बचना आसान नहीं होगा।

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